किशोरियों को पोषण देने में मप्र असम जैसे छोटे राज्यों से भी पीछे

महिला एवं बाल विकास, राज्य शिक्षा केंद्र के आंकड़ों में एकरूपता नहीं

किशोरियों को पोषण देने में मप्र असम जैसे छोटे राज्यों से भी पीछे

भोपाल। किशोरियों का पोषण विकास करने के लिए केंद्र स्तर पर प्रारंभ की गई योजनाओं का लाभ लेने में मप्र असम और ओडिशा जैसे छोटे राज्यों से भी पीछे है। ओडिशा पहले नंबर पर है जबकि प्रदेश पोषण ट्रेकर के अनुसार किशोरियों की योजना में जुलाई 23 तक 1.56 लाख को फायदा मिला है जबकि असम राज्य में यह संख्या 1.78 लाख है। प्रदेश में योजना प्रभावित होने के पीछे एक बड़ी बजह महिला एवं बाल विकास विभाग और राज्य शिक्षा केंद्र के बीच आंकड़ों में एकरूपता नहीं होना है। केंद्र ने राजीव गांधी बाल सशक्तीकरण योजना की घोषणा 27 2014 में शुरू की लेकिन, योजना शुरू होने के पहले ही बंद हो गई। वर्ष 2010 में देश के 205 जिलों में सबला योजना प्रारंभ की गई थी। वर्ष 2017-18 में किशोरियों के लिए योजना लाई गई। इसमें देश के 303 अतिरिक्त जिलों को शामिल किया गया। योजनाओं का उद्देश्य था कि स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को पोषण आहार उपलब्ध हों ।

82 %घटे लड़कियों के नामांकन

2021 में प्राथमिक शिक्षा में स्कूलों में लड़कों का नामांकन 39 लाख 42 हजार 871 और 36 लाख 21 हजार 229 लड़कियों का नामांकन था। जो 12वीं में 82 फीसदी कम हो गया। हायर सेकंडरी में लड़कों की संख्या 7 लाख 60,517और लड़कियों की 6 लाख 66 हजार 399 ही बची।

रिकॉर्ड को लेकर दोनों विभाग आमने-सामने आए

केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज उन किशोरियों का रिकॉर्ड मांगा जिन्हें (स्कूल छोड़ चुकी) पोषण आहार दिया जा रहा था। विभाग ने इनकी संख्या लाखों में बताई। इसी बीच केंद्र ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू किया। इधर, राज्य शिक्षा केंद्र महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों को सही नहीं मानते हुए स्कूल छोड़ने वाली किशोरियों की संख्या में भारी गिरावट आने की जानकारी दी।

अब मिशन सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 योजना

केंद्र सरकार ने अब मिशन सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 योजना लॉन्च की है। इस योजना में प्रदेश के सिर्फ आठ आकांक्षी जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में 14 से 18 वर्ष की किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण पर फोकस है। पोषण के तहत 300 दिन के लिए 14 से 18 वर्ष की आयु की किशोरियों को 600 कैलोरी, 18 से 20 ग्राम प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएन्ट्स वाला अनुपूरक पोषण दिया जाना है।

पोषण 2.0 योजना तीन माह पहले लागू, पंजीयन जारी हैं

स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को पोषण आहार उपलब्ध कराने की योजना की जगह अब मिशन सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 लागू की गई है। यह योजना तीन माह पहले प्रदेश में लागू की है। इसमें 14-18 वर्ष की बालिकाओं को शामिल किया गया है। योजना सिर्फ आंकाक्षी जिलों में है। -डॉ.आरआर भोसले, आयुक्त महिला एवं बाल विकास