ढोल-तासों के साथ धूमधाम से विराजीं मां शारदे
ग्वालियर। इस वर्ष हाथी पर सवार होकर आईं मातारानी, शक्ति के पर्व के पहले दिन शहरभर में धूमधाम के साथ विराजित की गईं। नवरात्रि वर्ष में चार बार आते हैं, इनमें दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रकट रूप में होते हैं। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो गई। 23 अक्टूबर को नौवीं की पूजा होगी और 24 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. एचसी जैन ने बताया कि इस वर्ष नवरात्रि पूरे 9 दिन के होंगे। शारदीय नवरात्रि में किसी भी तिथि का बीच में क्षय नहीं हो रहा है। इस बार नवरात्रि के प्रथम दिन 10 दुर्लभ संयोगों के साथ शहरभर में सजे पंडालों में शक्ति की प्रदात्री मातारानी की प्रतिमाओं की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर स्थापना की गई। इन 9 दिनों में माता के 9 रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्र घंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की साधना-उपासना की जाएगी।
माता के जयकारों से गूंजा शहर
रविवार को सुबह से ही शहर में मातारानी के जयकारे सुनाई देने लगे थे। भक्त ढोल-तासों के साथ जयकारे लगाते हुए मातारानी की प्रतिमाएं लेकर जा रहे थे। शहर में करीब एक हजार स्थानों पर मातारानी के पंडाल सजाए गए हैं। उनमें विभिन्न रूपों में माता की प्रतिमाएं विराजित की गई हैं।