21 को एमआईसी करेगी मंथन, 22 को धारा 30 की बैठक में गरजेगा विपक्ष
जबलपुर। नगर निगम का आने वाला सप्ताह गहमा-गहमी भरा होगा। सोमवार 21 अगस्त को जहां एमआईसी की बैठक आयोजित की गई है तो 22 अगस्त मंगलवार को धारा 30 की बैठक आयोजित की गई है जो कितने दिन चलेगी इसका कोई अनुमान नहीं है।
करीब 2 माह से विपक्ष लगातार धारा 30 की बैठक आयोजित करवाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए महापौर को 3 पत्र दिए गए। निगमायुक्त को भी पत्र दिए गए। अब जाकर अंतत: धारा 30 की बैठक के लिए तारीख तय की गई है जो 22 अगस्त नियत की गई है। जाहिर है कि बैठक में विपक्ष के तेवर उग्र रहने वाले हैं। धारा 30 कीबैठक का आयोजन ही विशेष परिस्थितियों में किया जाता है,जो कि विपक्ष मानता है कि शहर में बनी हुई हैं। हालाकि महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू इससे इत्तेफाक नहीं रखते और उनका मानना है कि विगत कार्यकालों की तुलना में उनके कार्यकाल में विकास और आम नागरिकों की जरूरतों के हिसाब से बेहतर काम हो रहा है।
विपक्ष अपने आरोपों की धारा बनाए रख पाएगा
धारा 30 की बैठक बुलाए जाने पर विपक्ष के पास जो मुद्दे हैं उन पर वह सत्तापक्ष को घेरे में ले पाएगा इसमें संदेह है। जलसंकट के आरोप की जहां तक बात है तो सत्तापक्ष के पास इसका जवाब है कि बरसों बाद उसने पेयजल संकट दूर करने सार्थक पहल करते हुए नई पाइप लाइनों का विस्तार और पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकरों से जलापूर्ति बढ़ाई है। वहीं नलकूप भी खनन करवाए गए हैं। जलप्लावन के आरोप पर भी महापौर ने इसका ठीकरा उस वक्त सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी की नगर सत्ता पर ही फोड़ते हुए नालों को संकरा करना बताया है।
हम विकास की बात करते हैं और इसी दिशा में काम कर रहे हैं,विपक्ष का काम है आरोप लगाना वह अपना काम करते हैं। धारा 30 की बैठक के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। जगत बहादुर सिंह अन्नू, महापौर
यदि ऐसा है तो धारा 30 की बैठक बुलाने में 2 महीने क्यों लग गए,क्या महापौर विपक्ष के सवालों से बचना चाहते हैं। बैठक में हम इन सब बातों का जवाब मांगेंगे। रिकुंज विज, अध्यक्ष नगर निगम