एमईएल के कर्मचारियों ने किया था पर्चा लीक, मास्टरमाइंड गुरु ने बिछाया था जाल

एमईएल के कर्मचारियों ने किया था पर्चा लीक, मास्टरमाइंड गुरु ने बिछाया था जाल

ग्वालियर। एक छोटे से क्लू पर कड़ी से कड़ी जोड़कर कार्रवाई करती गई ग्वालियर पुलिस ने आखिरकार पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया है। मामला फरवरी में नर्सिंग भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने से जुड़ा है। जिसमें क्राइम ब्रांच की टीम ने देश के छह प्रदेशों में दबिश देकर 16 आरोपियों को हिरासत में लेकर परत दर परत अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा किया है।

गौरतलब है बीती 7 फरवरी को प्रदेश भर में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत संविदा आधारित नर्सिंग स्टाफ की भर्ती परीक्षा दो पालियों में होनी थी। इस परीक्षा के होने से पहले ही ग्वालियर पुलिस को इनपुट मिला था कि उक्त परीक्षा का पेपर लीक करने वाला अंतरराज्यीय गिरोह ग्वालियर में सक्रिय है। इस सूचना पर तत्कालीन एसपी अमित सांघी ने क्राइम ब्रांच को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जहां क्राइम ब्रांच की टीम ने पेपर लीक करने वाले गिरोह के 8 सदस्यों को टेकनपुर स्थित एक ढाबे से गिरफ्तार किया था। इसी प्रकरण में पुलिस की एक एसआईटी का गठन किया गया था। जिसके प्रभारी एएसपी ऋषिकेश मीणा ने टीमें तैयार कर एपटेक कंपनी मुंबई की छोटी ब्रांच एमईएल नोएडा भेजकर कंपनियों के कर्मचारियों को राउंडअप किया। जिनसे पूछताछ में पता चला कि एलईएल के ही कर्मचारियों ने डिफ्रेंट फॉरमेट में पेपर आउट किया था, जिसके बाद मास्टर माइंड गुरु की टीम से जुड़े चिराग ने इस पर्चे को पीडीएफ में बदलकर गुरु को दिया था। पुलिस ने इस पूरे कांड में 16 आरोपियों को हिरासत में लिया है जिनमें पर्चा लीक कराने में एमईएल के कर्मचारी सहित चार आरोपी शामिल है। वहीं अन्य आरोपी एनएचएम पेपर की डील करने और उसे सॉल्व करके बेचने में लिप्त पाए गए थे।

गुरु के कहने पर शुरू हुआ था खेल

नर्सिंग भर्ती परीक्षा का पेपर आउट करने के मामले में पुलिस ने पूरा चिट्ठा खोल दिया है। इस पूरे कांड में भोपाल से पकड़ा गया तरूणेश ऊर्फ गुरु ने ही पूरी प्लानिंग की थी। जिसमें गुरु ने ही इंदौर के रहने वाले अपने परिचित चिराग अग्रवाल से पेपर की डिमांड की थी। चिराग पहले परीक्षा कराने वाली एमईएल कंपनी में काम कर चुका था। चिराग को पता था कि पेपर कैसे आएट हो सकता है इसके लिए उसने गुरु से कंपनी के सॉफ्टवेयर की लॉग इन आईडी और पासवर्ड की डिमांड की थी। जिस पर गुरु ने दीपक मेवाड़े के संपर्क से एमईएल में कार्यरत रविन्द्र ठाकुर के जरिए चिराग की डिमांड पूरी की थी। जिसके बाद भोपाल में एमईएल की तरफ से परीक्षा के दिन ड्यूटी कर रहे दीपक ने पेपर डाउनलोड कर चिराग को दिया। तब जाकर चिराग ने पेपर को पीडीएफ में बदल कर गुरु को पहुंचाया। इसी कड़ी के बाद यूपी के सरगना राजीव ने पेपर सॉल्व करके पूरे प्रदेश में परीक्षा से पहले पर्चे का सौदा कर दिया था।

पहले से थी तैयारी

इस पूरे कांड में पेपर आने के बाद उसे सॉल्व कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने के लिए पहले से प्लानिंग की जा चुकी थी। जहां दीपक द्वारा चिराग को पेपर देते ही गिरोह में शामिल सभी सदस्य एक्टिव हो गए थे।

आरोपियों से बरामद हुआ सामान

क्राइम ब्रांच टीम ने इस पूरे कांड में आरोपियों से 26 मोबाइल, 5 लैपटॉप, एक कम्प्यूटर, दो प्रिंटर, 5 पेन ड्राइव, एक ओरा कार व एक फॉर्च्यूनर कार जब्त की है।