गुजरात और मध्य प्रदेश में मिलती है सबसे कम दैनिक मजदूरी, केरल अव्वल

आरबीआई की रिपोर्ट में दावा- राष्ट्रीय औसत मजदूरी 345 रुपए

गुजरात और मध्य प्रदेश में मिलती है सबसे कम दैनिक मजदूरी, केरल अव्वल

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार मध्य प्रदेश में ग्रामीण खेतिहर मजदूरों को देश में सबसे कम दैनिक मजदूरी मिलती है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पुरुष कृषि श्रमिकों को केवल 229.2 रुपए का दैनिक वेतन मिलता है, जबकि गुजरात में एक राज्य जो खुद को एक मॉडल होने पर गर्व करता है, में वेतन मार्च 2023 में समाप्त होने वाले वर्ष के लिए 241.9 रुपए था। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के लिए राष्ट्रीय औसत मजदूरी 345.7 रुपए थी। बता दें, मार्च 2023 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान गुजरात में ग्रामीण निर्माण श्रमिकों ने प्रति दिन औसतन 323.2 रुपए कमाए, मध्य प्रदेश ने 278.7 रुपए और त्रिपुरा ने 286.1 रुपए कमाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां वित्तीय वर्ष 2021-2022 में कोविड महामारी का नौकरियों और आय के स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। वहीं उच्च मुद्रास्फीति और ब्याज दरों ने वित्तीय वर्ष 2022-2023 में ग्रामीण मांग पर नकारात्मक प्रभाव डाला।

शाकाहारी थाली का 5 लोगों के लिए खर्च 140 रुपए प्रतिदिन

इससे पहले रेटिंग फर्म क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इस साल सितंबर तक शाकाहारी थाली की कीमत 27.9 रुपए और मांसाहारी थाली की कीमत 61.4 रुपए थी। इसका मतलब है कि पांच लोगों के परिवार को शाकाहारी भोजन के लिए 140 रुपए प्रतिदिन या प्रति माह 8,400 रुपए खर्च करने होंगे। इन आंकड़ों के लिहाज से देखें तो मध्य प्रदेश में महीने में 25 दिन काम करने वाले ग्रामीण खेत मजदूर की मासिक कमाई लगभग 5,730 रुपए होगी, जो चार या पांच लोगों के परिवार के जीवनयापन की लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है।

यूपी के ग्रामीण मजदूरों को मिलते हैं 309 रुपए

भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2021-2022 में, अन्य कम वेतन वाले राज्यों की तुलना में, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में ग्रामीण खेत मजदूरों को क्रमश: 309.3 रुपए और 285.1 रुपए की औसत दैनिक मजदूरी मिली। महाराष्ट्र में, जो सबसे अधिक औद्योगिक राज्य होने का दावा करता है, पुरुष खेतिहर मजदूरों को प्रति दिन 303.5 रुपए मिलते थे। वहीं जम्मू-कश्मीर में खेत मजदूरों का औसत वेतन 550.4 रुपए, हिमाचल प्रदेश में 473.3 रुपए और तमिलनाडु में 470 रुपए है। क्रिसिल के एक अध्ययन के अनुसार, ग्रामीण आय की संभावनाएं मौसम की अनिश्चितताओं पर निर्भर रहती हैं।

दैनिक मजदूरी में केरल आग

आरबीआई के आंकड़ों के आधार पर, पुरुष गैर-कृषि श्रमिकों के लिए सबसे कम औसत वेतन मध्य प्रदेश में पाया गया, जहां यह 246.3 रुपए था। गुजरात और त्रिपुरा के श्रमिकों को क्रमश: 273.1 रुपए और 280.6 रुपए की दैनिक मजदूरी मिलती थी, जो राष्ट्रीय औसत 348 रुपए से कम थी। दूसरी ओर, केरल गैर-कृषि श्रमिकों के लिए दैनिक वेतन के मामले में अग्रणी बना हुआ है, जो प्रति व्यक्ति 696.6 रुपए का भुगतान करता है। समाप्त वर्ष (मार्च 2023) के लिए, केरल के बाद जम्मू-कश्मीर 517.9 रुपए, तमिलनाडु 481.5 रुपए और हरियाणा 451 रुपए के साथ था।

केरल में प्रति व्यक्ति मजदूरी 764 रुपए

भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार केरल में एक औसत ग्रामीण खेत मजदूर को प्रति माह 25 दिनों के काम के लिए औसतन 19,107 रुपए मिलते हैं, जो किसी भी राज्य के लिए प्रति व्यक्ति 764.3 रुपए की सबसे अधिक मजदूरी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में, एक खेतिहर मजदूर का मासिक वेतन लगभग 6,047 रुपए रहा होगा।