बेजुबान जानवरों से प्यार, समाजसेवी ने किराए पर जमीन लेकर बनाया आश्रम
ग्वालियर। आपने बुजुर्गों या फिर अपनों के ठुकराए लोगों के आश्रम सुने या देखे होंगे, लेकिन ग्वालियर के एक समाजसेवी ऐसे हैं जिन्होंने बेजुबान जानवरों के लिए आश्रम बनाया है। इस आश्रम में घायल पशु एवं पक्षी को समाजसेवी द्वारा तब-तक रखा जाता है तब तक वह पूरी तरह स्वस्थ न हो जाए। जानवरों के लिए काम करने वाले इस समाजसेवी का नाम है सुनील कुमार राठौर इनका कहना है कि कई छोटे जानवर घायल होकर उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं इसलिए उनके मन में कुछ महीनों पहले ख्याल आया कि इन्हें भी अन्य मरीजों की तरह उपचार मिलना चाहिए, इसी की वजह से उन्होंने 4 महीने पहले किराए की जमीन लेकर बड़ागांव में हम हैं ना जीव आश्रम बना दिया है और इसमें अभी तक 1500 घायल छोटे पक्षी एवं जानवर लाए जा चुके हैं, इनमें 85 फीसदी को बचाया भी गया है। श्री राठौर का कहना जब तक जानवर पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता है, जब तक उसे आश्रम में ही रखा जाता है। यह आश्रम 2000 स्क्वायर फीट में बना हुआ है, इसका हर महीने जमीन मालिक को 5000 रुपए किराया समाजसेवी द्वारा दिया जाता है।
प्राइवेट डॉक्टर से कराते हैं उपचार
बेजुबान जानवरों से प्यार के जुनून के चलते इस आश्रम से जुड़े सदस्य घायल जानवरों को अपने वाहन पर लेकर आश्रम पहुंचते हैं, उसके बाद इन्हें प्राइवेट पशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों से दिखाते हैं इनके इस कार्य को देखते हुए कुछ डॉक्टरों ने उपचार के बदले फीस लेना बंद कर दिया है, वह भी इस समाजसेवा में इनका सहयोग कर रहे हैं। इस पुनीत कार्य में समाजसेवी सुनील राठौर के साथ करीब 20 अन्य युवा भी जुÞड़े हैं, वह भी इसमें इनकी मदद करते हैं। ग्वालियर अंचल में जानवरों के लिए बनाया गया यह आश्रम पहला आश्रम है।