लोक अदालत लंबित प्रकरणों के निराकरण किए जाने का सशक्त माध्यम : चीफ जस्टिस
जबलपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार तथा न्यायमूर्ति रवि मलिमठ, मुख्य न्यायाधिपति, मप्र उच्च न्यायालय तथा न्यायमूर्ति शील नागू, प्रशासनिक न्यायाधिपति, मप्र उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कुशल मार्गदर्शन में शनिवार को संपूर्ण प्रदेश में नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। मुख्य न्यायाधिपति, मप्र उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने मप्र उच्च न्यायालय, मुख्यपीठ जबलपुर में द्वीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षक मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि लोक अदालत विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान और न्यायालय में लंबित मामलों को शीघ्रता से निपटाने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में उभरी है।
लोक अदालत एक सतत और निरंतर प्रक्रिया है क्योंकि यह वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के साथ ही सुलह की संस्कृति को बढावा देने और न्यायदान की प्रक्रिया में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न लोक अदालतों के माध्यम से प्राप्त सकारात्मक परिणाम पारस्परिक सहमति से समाधान की प्रभावशीलता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। अंत में उन्होंने इस अपेक्षा के साथ अपना संबोधन समाप्त किया कि यह राष्ट्रीय लोक अदालत नागरिकों को न्याय और सामूहिक कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण साबित होगी।
इन्होंने भी दिया उद्बोधन
न्यायमूर्ति शील नागू, कार्यपालक अध्यक्ष, मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपने संबोधन में विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान हेतु लोक अदालत के महत्व पर जोर दिया। मामले का पारस्परिक सहमति से निराकरण न केवल न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या को कम करने में कारगर है, अपितु यह समाज में आपसी सौहार्द एवं सदभाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल, अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जबलपुर ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने की साझा उम्मीद के साथ इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित कर विवादग्रस्त पक्षकारों को न्यायालय की लंबी प्रक्रिया से राहत दिलायेंगे, जिससे पक्षकारों के अमूल्य समय तथा धन की बचत होने के साथ ही उन्हें सुलभ न्याय प्राप्त होगा ।
उक्त नेशनल लोक अदालत माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ जबलपुर तथा ग्वालियर एवं इंदौर की खंडपीठों सहित राज्य की सभी जिला न्यायालयों, तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, पारिवारिक न्यायालयों और अन्य में आयोजित की गई।राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर ने विभिन्न इसके पूर्व नेशलन लोक अदालत की तैयारियों हेतु बीमा कंपनियों के अधिकारी, बैंकों के प्रतिनिधि, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश और श्रम न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी के साथ ही विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकें आयोजित कीं।
12 खंडपीठ की गई थीं गठित
राष्ट्रीय लोक अदालत में विवादों के निपटारे के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की 12 खण्डपीठें, मुख्यपीठ-जबलपुर में 03, इंदौर में 05 और ग्वालियर में 04 खण्डपीठें गठित की गई थी। प्रिंसिपल सीट-जबलपुर में कुल 1363 मामले रेफर किए गए, जिनमें से 656 मामलों का निपटारा हुआ। खंडपीठ-इंदौर में 530 मामले रेफर किए गए, जिनमें से 252 मामलों का निपटारा हुआ। और 413 मामले खंडपीठ ग्वालियर में रेफर किए गए, जिनमें से 227 मामलों का निपटारा किया गया। इस प्रकार उच्च न्यायालय स्तर पर कुल 2306 प्रकरणों में से 1135 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला स्तर पर 1321 खंडपीठों का गठन किया गया था। शाम 06:00 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 33011 लंबित मामले एवं 61511 प्री-लिटिगेशन मामले इस प्रकार कुल 94522 मामलों का आपसी सहमति से निराकृत किये गये है, जिसमें लगभग राशि 414 करोड़ के अवार्ड पारित किये गये।