ऊंचाई पर बसना बना अभिशाप, टैंकर भी नहीं पहुंच रहे,नलों से आ रही हवा
जबलपुर। भीषण गर्मी में शहर के कई इलाके प्यासे हैं। इनकी शिकायत है कि जो क्षेत्र ऊंचाई पर हैं वहां के लिए नगर निगम ने टैंकरों से जलापूर्ति सुनिश्चित करने कहा था मगर यहां जरूरत के मुताबिक टैंकर नहीं पहुंच रहे हैं। कई इलाकों में नलों से पानी की जगह केवल हवा आ रही है। कुछ जगहों पर नाममात्र का पानी ही आ रहा है।
नगर निगम के दावों की मानी जाए तो शहर में 325 एमएलडी पेयजल प्रतिदिन आपूर्ति किया जा रहा है। एक एमएलडी यानि 10 लाख लीटर पानी होता है। शहर की आबादी 12 लाख मानते हुए प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। अब अमृत योजना से शहर में बनीं 16 टंकियों से भी जलापूर्ति चालू कर कई क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की जाती है। सवा सौ टैंकरों से जलापूर्ति करवाई जाती है।
ये इलाके प्यासे
गढ़ा क्षेत्र में कोष्टा मोहल्ला, चौहानी, देवताल, मोहरिया, टेढ़ी नीम, ग्वारीघाट, भटौली, सेठी नगर, बल्देवबाग, रानीताल सर्वोदय नगर, बाजनामठ क्षेत्र, शास्त्री नगर, न्यू शास्त्री नगर, सिद्धबाबा टोरिया, मदाछल्ला पहाड़ी, रांझी, मोहनिया, लालमाटी, करिया पाथर आदि क्षेत्रों में पानी की मारामारी देखी जा सकती है।
ये है कारण
दरअसल जलप्रदाय का समय शुरू होते ही 70 प्रतिशत घरों में मोटर चालू हो जाती हैं जो अपने उपयोग के पानी के अलावा घर बगीचे की सिंचाई तक इसी से करते हैं। इसके चलते शेष 30 फीसदी लोगों को पानी नहीं मिल पाता है,उनके नलों में फोर्स कम हो जाता है।
पूरी क्षमता से नहीं भरी जातीं आधी टंकियां
शहर की जो टंकियां अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं इन्हें पूरा नहीं भरा जाता बल्कि आधे से कुछ अधिक ही इन्हें भरा जाता है यह भी वजह है कि सभी क्षेत्रों में जरूरत के मुताबिक पानी नहीं आ पाता। निर्धारित समय से कम समय ही नल आते हैं।
नए टैंकर और मरम्मत के दावे हवा
नगर निगम ने जोर-शोर से दावे किए थे कि नए टैंकर खरीदे जा रहे हैं। वहीं पुराने टैंकरों की मरम्मत भी नहीं की गई जिससे जब ये भरकर रवाना होते हैं तो गंतव्य तक पहुंचने में ही आधे हो जाते हैं। इसमें सोर्स व एप्रोच भी आम नागरिकों के लिए मुसीबत बनी हुई है।
शहर में भरपूर जलापूर्ति की जा रही है। समस्या ऊंचाई पर बसे इलाकों में है जहां हम टैंकरों से जलापूर्ति करते हैं। वहीं मांग आने पर अतिरिक्त टैंकर भी भेजे जाते हैं। कमलेश श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री, जल विभाग, ननि।
हमें तो यहां रहते कई पीढ़ी हो गई हैं और हमेशा से ही पानी की समस्या बनी रहती है। नगर निगम ने कई बार दावे किए मगर आज तक टैंकर तक यहां नहीं पहुंचा पाए हैं। परवीन बानो, मदारछल्ला निवासी।
पहाड़ी से नीचे उतर कर हाथों में डिब्बे रखकर ऊपर लाते हैं। सीधी चढ़ाई होने के कारण यहां पर टैंकर भी नहीं पहुंच पाते। नल लगे हैं पर पानी नहीं आता। गोलू खान, स्थानीय निवासी।