अब राजस्थान के नागौर में मिला लिथियम का भंडार
नई दिल्ली। इस साल फरवरी में केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई कि देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। इसके दो महीने बाद लिथियम को लेकर राजस्थान से एक और बड़ी खबर सामने आई। राजस्थान में लिथियम का एक बहुत बड़ा भंडार मिला है और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण यानी जीएसआई के अनुसार यह जम्मू-कश्मीर में मिले भंडार से बड़ा है। नागौर इलाके में मिले इस भंडार से देश की 80 प्रतिशत लिथियम डिमांड का पूरा किया जा सकता है। देश का अब तक का सबसे बड़ा लिथियम भंडार इसे बताया जा रहा है। इस लिहाज से भारत न केवल चीन को पीछे छोड़ देगा बल्कि लिथियम के लिए उस पर निर्भर भी नहीं रहना पड़ेगा।
खत्म हो सकता है चीन का एकाधिकार
दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार बोलिविया में है। इसके बाद अर्जेंटीना, चिली, चीन, अमेरिका का नंबर है। चीन में लीथियम का भंडार दूसरे देशों के मुकाबले कम है लेकिन वैश्विक बाजार में उसका एकाधिकार है। भारत कुल लिथियम का 50 फीसद से अधिक चीन से आयात करता है। 2020-21 में भारत ने 6 हजार करोड़ रु. का लिथियम आयात किया और से आधे से अधिक 3 हजार 500 करोड़ का लिथियम चीन से खरीदा था। राजस्थान में लिथियम का भंडार मिलने से चीन का एकाधिकार पूरी तरह से खत्म हो सकता है।
ई-वाहनों की बढ़ रही डिमांड
दुनिया में लिथियम की मांग तेजी से बढ़ी है। ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रहे देशों के लिए लिथियम की भूमिका बढ़ जाती है। दुनिया में लिथियम का जितना प्रोडक्शन होता है उसका करीब 75 फीसदी उपयोग बैटरियों में होता है। भारत जिस तरीके से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर बढ़ रहा है उसके लिए लिथियम काफी जरूरी है।
भारत के लिए गेमचेंजर
जम्मू-कश्मीर के बाद जिस तरीके से लिथियम का भंडार राजस्थान में मिला है यह भारत के लिए पूरी तरह से गेमचेंजर साबित हो सकता है। कुछ समय में ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री भारत में दोगुनी हो गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों और मोबाइल फोन इन दो के लिए अब भी भारत की निर्भरता चीन पर है।