शराब सिंडीकेट की मनमानी, जिले में रातों रात बढ़ाए 20 प्रतिशत दाम

शराब सिंडीकेट की मनमानी, जिले में रातों रात बढ़ाए 20 प्रतिशत दाम

जबलपुर। शराब सिंडीकेट अपनी मनमर्जी पर उतारु हो गया है। आलम यह है कि साल भर में कई बार शराब के दाम बढ़ाए। जब ज्यादा ही विरोध होने लगा, तो आबकारी ने दिखावे के लिए कार्रवाई शुरू की। लेकिन फिर ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की, जिससे कुछ लगाम लगी। लेकिन फिर कुछ दिन बाद सिंडीकेट ने दाम बढ़ा दिए। यह सब आबकारी विभाग की नाक के नीचे चलता रहा, लेकिन विभाग के अधिकारी और शराब सिंडीकेट की सांठगांठ ने सभी कुछ संभाल लिया और जब सूचनाएं पहुंची, तो आबकारी ने पहले ही उस दुकान के संचालक को अलर्ट कर दिया। लेकिन अब फिर एक दम से सभी शराब दुकानों में सिंडीकेट लगा दिया गया है, जिसमें 20 प्रतिशत शराब के दाम बढ़ा दिए। इसके पीछे कारण आ रहा है कि 2024, 25 में आ रही शराब नीति में 75 प्रतिशत दुकान रिन्यूल होने की भी शर्त है, जिसे देखते हुए यह दाम बढ़ाने की बात सामने आ रही है।

जब आबकारी विभाग के अधिकारियों से चर्चा करने के लिए फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। ताकि सिंडीकेट के बढ़े हुए दामों को लेकर जबाव नहीं देना पड़े। बताया जा रहा है कि इसके पहले भी शराब दुकान संचालकों ने सिंडीकेट बनाकर एमआरपी से ज्यादा में शराब बेचना शुरू कर दिया था, जिसके बाद से भाजपा विधायक समेत अन्य कई लोगों ने इसका विरोध कर कार्रवाई की मांग की। भाजपा विधायक की शिकायत पर आबकारी अलर्ट हुई थी, जिसने औपचारिकता में एक दो दुकानों में कार्रवाई की थी, लेकिन जैसे ही माहौल शांत हुआ फिर सिंडीकेट ने अपना रवैया शुरू कर दिया। जहां कई 10 प्रतिशत बढ़े हुए दाम में शराब बिक रही थी और कुछ स्थानों में एमआरपी पर ही बेचा जा रहा था। वहीं एक दो शराब संचालक ही सिंडीकेट बनाकर चल रहे थे उनकी ही दुकानों में शराब महंगी थी।

अब सभी ने बढ़ा दिए दाम

मार्च से फिर से नए शराब के ठेके शुरू होने वाले है, जिसके पहले ही सभी दुकानों के संचालक ने सिंडीकेट बनाया और रातो रात शराब के दामों में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर दी। यह सूचना अधिकारियों तक पहुंच चुकी है, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है।

देशी पीने वालों पर ज्यादा असर

सबसे ज्यादा असर देशी शराब प्लेन और मसाला पर पड़ा है। ग्राहकों को ज्यादा राशि देकर इसे खरीदना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि सबसे ज्यादा बिक्री प्लेन और मसाला की होती है। 60 प्रतिशत ग्राहक इसके होते है। सूत्रों ने बताया कि एक दो दिनों पहले शराब सिंडीकेट की बैठक हुई। उसमें नए ठेकों को लेकर कीमतें बढ़ाने पर रुपरेखा तैयार की गई थी। लेकिन वह मार्च तक का इंतजार नहीं सके और पहले ही पुराने रेट पर अपनी नई रेट लिस्ट तैयार कर जारी कर दी।

अंग्रेजी भी महंगी

विदेशी शराब की कीमतें भी सिंडीकेट ने बढ़ा दी हैं। बीयर ज्यादा दामों पर बेची जा रही है, जबकि नियम यह है कि कोई भी दुकानदार एमआरपी से अधिक और एमएसपी से कम कीमत पर इसकी बिक्री नहीं कर सकता है।

शराब दामों के बढ़ने को लेकर जांच कराई जा रही है , इसमें संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। दीपक सक्सेना,कलेक्टर जबलपुर।