पिछली बार हारी सीटों पर मैदानी जमावट करके भाजपा ने खेला दांव

पिछली बार हारी सीटों पर मैदानी जमावट करके भाजपा ने खेला दांव

भोपाल। भाजपा ने हारी हुई 39 सीटों पर रणनीतिक विजय हासिल करने और प्रत्याशियों को मैदानी जमावट के लिए चुनाव के तीन महीने पहले प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। पिछली बार चुनाव हार चुके 14 नेताओं पर पार्टी ने एक बार फिर दांव खेला है। घोषित सीटों पर शाहपुरा से ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा है कि वह हाईकमान से सीट बदलने का आग्रह करेंगे। वह डिंडोरी से चुनाव लड़ना चाहते हैं। सूची में छतरपुर, महाराजपुर, लांजी, बरघाट, गोटेगांव, चाचौड़ा, पिछोर, सबलगढ़ और गोहद जैसी कुछ सीटों पर गुटीय असंतोष थामने कार्यकर्ताओं को ज्यादा समय देने की कवायद की गई है।

सूची में सिंधिया समर्थकों के भी काटे गए हैं टिकट :

तोमर केंद्रीय कृषि मंत्री और बीजेपी प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर प्रवास पर कहा कि भाजपा हर मामले में आगे है। सूची में बहुत से टिकट काटे गए है, जिनमें सिंधिया समर्थक भी हैं। सभी पक्षों को ध्यान में रखकरचयन किया गया है।

प्रत्याशियों की जमावट से गुटीय संतुलन बैठाने की कवायद

  •  छतरपुर: पिछले चुनाव में यहां पार्टी ने अर्चना गुड्डू सिंह को मैदान में उतारा था। ललिता यादव मलहरा से प्रत्याशी थीं। दोनों चुनाव में पराजित हो गईं थीं, इस बार ललिता को छतरपुर लाया गया है। टिकट के दावेदारों में अर्चना और अशोक दुबे भी थे। शासन ने हाल ही में छतरपुर में अर्चना के चाचा ससुर करुणेनंद्र प्रताप सिंह को जिला सहकारी बैंक का प्रशासक भी नियुक्त किया गया है। 
  • महाराजपुर: यह सीट पिछले चुनाव में कांग्रेस के नीरज दीक्षित ने जीती थी। इस बार इस सीट पर पूर्व विधायक पुष्पेंद्र पाठक सहित जिले के कतिपय अन्य दावेदार भी सक्रिय थे। पार्टी ने नए चेहरे पर दांव लगाया है। कामाख्या प्रताप सिंह पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह के बेटे हैं। 
  • चाचौड़ा: भाजपा ने यहां नए चेहरे पर दांव लगाया है, प्रियंका मीणा जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुकी हैं।पति शासकीय सेवा में हैं। पार्टी ने गुटीय संतुलन बिठाने जिला इकाई को पाबंद किया है। 
  • गोहद: भाजपा अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य इस सीट का पूर्व में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2018 में यहां कांग्रेस के रणवीर जाटव ने जीत दर्ज की थी। सिंधिया समर्थक जाटव भाजपा में शामिल होने के बाद 2020 भाजपा टिकट पर 2020 का उपचुनाव हार गए। अब भाजपा ने इस सीट पर फिर से आर्य पर भरोसा जताया है।

परिवारवाद और वरिष्ठता पर जोर

गहरवार, वर्मा और पटेल को एक और मौका:  चित्रकूट-गुन्नौर और पथरिया सीट पर भाजपा ने अपने पूर्व विधायकों को एक बार फिर मौका दिया है।

यहां से क्रमश: सुरेंद्र सिंह गहरवार, राजेश वर्मा और लखन पटेल पूर्व में विधायक रह चुके हैं। पथरिया से पिछले चुनाव में बसपा की राम बाई ने चुनावी जीत हासिल की थी। तीनों सीट चुनौतीपूर्ण मानी गई हैं।

इमरती और गोयल के टिकट पर सवाल: सिंधिया समर्थक जाटव का टिकट कटने के बाद अब इमरती देवी और मुन्ना लाल गोयल सहित अन्य नेताओं के टिकट भी शक के दायरे में आ गए हैं। उधर राऊ से भाजपा ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू पटवारी के बजाए मधु वर्मा पर भरोसा जताया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हारी हुई सीटों के टिकट क्लियर किए गए हैं।

बेटे-बहू को टिकट से नवाजा: परिवारवाद को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच पार्टी ने बेटे-बहू को टिकट देने से गुरेज नहीं किया। महाराजपुर से पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह के बेटे कामाख्या प्रताप सिंह को सबलगढ़ से पूर्व विधायक स्व. मेहरबान सिंह रावत की बहू सरला विजेंद्र रावत को मौका दिया गया है। इसी तरह जबलपुर में बरगी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक प्रतिमा सिंह के बेटे नीरज को प्रत्याशी घोषित किया गया है।

प्रचंड बहुमत से जीतेंगे विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज करेगी। आज से ही हमारे कार्यकर्ता मैदान में जुट गए हैं। -विष्णुदत्त शर्मा, अध्यक्ष, मप्र भाजपा

भाजपा के होली के नारियल, हमारा धमाका जल्द होगा

‘भाजपा के तो होली के नारियल हैं, हमारा धमाका भी जल्दी होगा।’ जल्द ही सब सामने आ जाएगा। केके मिश्रा , मीडिया अध्यक्ष, कांग्रेस