आज अंतिम जोर : कुछ बागियों ने छोड़ी जिद, भोपाल व अन्य सीटों के रुठों की मनुहार तेज

भाजपा में शिवराज-शिवप्रकाश और कांग्रेस में कमलनाथ-दिग्विजय करेंगे डैमेज कंट्रोल

आज अंतिम जोर : कुछ बागियों ने छोड़ी जिद, भोपाल व अन्य सीटों के रुठों की मनुहार तेज

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर कांटे के संघर्ष की स्थिति के बीच बागियों की मौजूदगी से सियासी समीकरण डगमगाने की आशंका बढ़ गई है। इस ऊहापोह से प्रदेश के दोनों बड़े दल भाजपा- कांग्रेस जूझ रहे हैं। बागियों को मनाने के लिए शीर्ष नेताओं को मोर्चा संभालना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की समझाइश पर जबलपुर में भाजपा के बागी कमलेश अग्रवाल पीछे हट गए। बुरहानपुर, मनगवां, आलोट, टीकमगढ़ सहित कतिपय सीटों पर देर रात तक मान-मनौवल का दौर चलता रहा। यही स्थिति कांग्रेस में भी है। गोटेगांव में शेखर चौधरी, भोपाल में आमिर अकील-नासिर इस्लाम, जितेंद्र डागा और सिवनीमालवा में ओम रघुवंशी सहित कई सीटों पर पूर्व सीएम कमलनाथ व दिग्विजय सिंह डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुटे हैं। 2 नवंबर को नाम वापस लेने का अंतिम दिन है। दोनों ही दलों को कमोबेश दो दर्जन से अधिक सीटों पर बागियों का टेंशन बना हुआ है। जबलपुर में मुख्यमंत्री चौहान ने जब कमलेश को बुलाकर पार्टी हित में नाम वापस लेने की समझाइश दी, तो वह मान गए और नामांकन वापस ले लिया।

हर्षवर्धन अभी भी मैदान में

बुरहानपुर सीट पर हर्षवर्धन सिंह चौहान को मनाने का सिलसिला कई स्तर पर जारी था। शिवप्रकाश ने भी उन्हें समझाने की कोशिश की। इसी तरह टीकमगढ़ में पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव भी निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। जिले की निवाड़ी सीट पर नंदराम कुशवाहा भी पार्टी के समीकरण बिगाड़ रहे हैं।

दोनों दलों की कवायद जारी

भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि पर्चा वापसी के अंतिम क्षणों तक रूठों को मनाने की कवायद चलती रहेगी। भाजपा के चुनावी प्रबंधक मनगवां, मुरैना, कटनी (बड़वारा) और आलोट सीट को लेकर चिंतित हो उठे हैं। मनगवां में मौजूदा भाजपा विधायक पंचूलाल प्रजापति की पत्नी पूर्व विधायक पन्नाबाई अब तक मैदान में डटी हुई हैं। रात तक सत्ता-संगठन के नेताओं ने उम्मीद नहीं छोड़ी थी। कटनी जिले में पूर्व मंत्री मोती कश्यप ने भी क्षेत्रीय गणित बिगाड़ दिए हैं।

दिग्गज नेता भी रूठे

टिकट कटने से कांग्रेस के पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री-विधायक, दिग्गज नेता भी बगावत पर उतर आए हैं। कई बागियों ने सीटों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह बागियों को मनाने में जुटे हैं। देर रात तक असंतुष्टों की मान-मनौवल का दौर जारी था। हालांकि, झाबुआ सीट पर पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने मैदान छोड़ दिया है। पाटन और पनागर में भी कांग्रेस के असंतुष्ट बैठ गए। उन्हें कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मनाया।

कांग्रेस को अंतिम समय तक बागियों के हटने की उम्मीद

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि बड़े नेताओं की समझाइश पर उम्मीद है कि सिवनीमालवा में ओम रघुवंशी, हुजूर से जितेंद्र डागा, गोटेगांव से शेखर चौधरी, गोटिया सीहोरा से पूर्व मंत्री कौशल्या और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू आलोट से भी पार्टी हित में चुनाव मैदान से हट जाएंगे।