2 साल से लैब बनकर हुई तैयार, फिर भी मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच शुरू नहीं
जबलपुर। मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेंपल की जांच के लिए अब भोपाल पर निर्भरता जल्द खत्म होने के लिए डुमना रोड पर अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त लैब तैयार 2 साल बीत चुके हैं। इसमें हर साल ढाई हजार सेंपल तक जांचने की क्षमता है और साढ़े 3 करोड़ रुपए से इसका निर्माण करवाया गया है। इस लैब के बनने से महाकौशल व विंध्य क्षेत्र को फायदा होता,मगर इसे जिम्मेदार चालू ही नहीं करवा पा रहे हैं।
प्रदेश में अभी केवल भोपाल में सरकारी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला है। जहां प्रदेश भर से नमूने जांच केलिए भेजे जाते हैं। इसमें रिपोर्ट आने में देर होती है और मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्रवाई में विलंब होता है। इनकी रिपोर्ट आने में महीनों का समय लग जाता है। संभागीय स्तर पर शहर में प्रयोगशाला खुलने से खाद्य पदार्थ एवंदवाओं की गुणवत्ता की जांच जल्द होने लगेगी। स्थानीय स्तर पर ही जांच की सुविधा होने से मिलावटखोरों को नोटिस सहित आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया तेजी से निपट सकेगी। मिलावट का जल्दी पता चलने पर उस सामग्री को नष्ट करके दूसरे लोगों तक पहुंचने से रोकने में मदद मिलेगी।
विंध्य-महाकौशल दोनों क्षेत्र को लाभ
इस प्रयोगशाला केप्रारंभ होने से शहर के साथ ही महाकौशल व विंध्य क्षेत्र को इसका फायदा मिलेगा। बाजार में बेहतर गुणवत्ता वाली खाद्य सामग्री की बिक्री सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। मिलावटखोरों में भय उत्पन्न होगा।
योजना पर एक नजर
- 2019 में खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के लिए हुआ था शिलान्यास
- 2020 में भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ
- 2021 में प्रयोगशाला भवन बनकर तैयार, उपकरण लगे
- 2021 अंत तक लैब भी तैयार
- 2 साल बाद भी शुरू नहीं की गई।
फैक्ट फाइल
- 3.5 एकड़ भूमि में स्थापित है लैब
- 3.5 करोड़ रुपए है लागत
- 02 तल हैं प्रयोगशाला में
- 02 मुख्य लैब व 2 अन्य लैब हैं
- 2500 नमूने प्रति वर्ष जांचने की क्षमता