केन-बेतवा परियोजना प्रबंधन ने मांगी सड़क-पानी, बिजली पहुंचाने की अनुमति

केन-बेतवा परियोजना प्रबंधन ने मांगी सड़क-पानी, बिजली पहुंचाने की अनुमति

भोपाल। केन-बेतवा लिंक परियोजना का काम बारिश के बाद शुरू हो जाएगा। इसमें परियोजना की स्वीकृति मिलने से पहले वहां सड़क, बिजली तथा इंजीनियरों के साइट कार्यालय बनाने के लिए सरकार से परियोजना प्रबंधन ने अनुमति मांगी है। परियोजना के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, अगले माह तक कंपनी का निर्धारण किया जाएगा। परियोजना के इंजीनियरों और सर्वेयरों को अभी साइट भ्रमण के लिए अनुमति लेनी पड़ती है, क्योंकि वह क्षेत्र पन्ना टाइगर रिजर्व कोर और बफर एरिया में आता है। इसके अलावा मशीनों को वहां तक जाने ले जाने की अनुमति नहीं होती है। प्रारंभिक और प्राथमिकता के कार्यों की अनुमति मिलने पर परियोजना संचालन में किसी तरह की दिक्कतें नहीं होंगी। अनुमति मिलने से परियोजना के रोडमैप तैयार करने में भी निजी कंपनी को दिक्कतें नहीं आएगी। वर्तमान में साइट विजिट करने के लिए इंजीनियर और सर्वेयर को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की तरफ से जाना पड़ता है। बताया जाता है कि इधर केन-बेतवा लिंक परियोजना के निर्माण की अनुमति का मामला केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में विचाराधीन है। जैसे स्वीकृति मिलेगी वैसे ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा, प्रबंधन को प्रारंभिक कार्य में समय जाया नहीं करना पड़ेगा, कंपनी सीधे मुख्य परियोजना में काम करना शुरू कर देगी, इससे परियोजना जल्दी तैयार हो जाएगी। बताया जाता है कि परियोजना के निर्माण करने वाली कंपनी का अंतिम निर्धारण 15 अगस्त से पहले किया जाएगा। बांध के निर्माण की समय सीमा 72 माह रखी गई है। बांध की परिधि दो वर्ग किलोमीटर से ज्यादा होगा, जिसमें 2.8 मिलियन मीटर से ज्यादा जलभराव होगा। वर्तमान में वन विभाग को चार हजार हेक्टेयर भूमि सौंप दी गई है। बताया जाता है पूरी परियोजना 35 हजार करोड़ रुपए की है, जिसमें 11 हजार करोड़ के काम केन-बेतवा लिंक अथॉरिटी को करना है, शेष 24 हजार के काम मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार को करना है।