चांद का दीदार कर पूरा किया कारवा चौथ का व्रत

चांद का दीदार कर पूरा किया कारवा चौथ का व्रत

जबलपुर। महिलाओं की कठिन परीक्षा का व्रत करवा चौथ बुधवार को चांद के दीदार करने के बाद पूरा हो गया। खास बात ये है कि व्रत के दौरान उपवास तक निर्जला व्रत रखा गया। दिनभर उपवास में रहने के बाद संध्या काल में चलनी से चंद्रदेव का दर्शन करने के उपरांत पारण किया। परंपरा के अनुसार चंद्रमा के दर्शन के बाद पति अपने हाथों से पत्नी को पानी पिलाते हैं ज्योतिषाचार्य के अनुसार चतुर्थी तिथि का मान रात 10.59 बजे तक रहा।

गौरतलब है कि यह तिथि भगवान गणेश से संबंध रखती है। इसलिए वैवाहिक जीवन के विघ्ननाश के लिए इस व्रत को रखा जाता है इस दिन मूलत: भगवान गणेश, गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा को सामान्यत: आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है, इसलिए चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख शांति और पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं। इस व्रत की पौराणिक कथा भी प्रचलित है।

रात में बढ़ी भीड़

करवाचौथ से एक दिन पूर्व मंगलवार को कपड़ा बाजार व श्रृंगार दुकानों में महिलाओं की भीड़ रही। पूजन सामग्रियों की भी जमकर बिक्री हुई। यही नहीं ब्यूटी पार्लर व मेहंदी लगाने के लिए महिलाओं को इंतजार करना पड़ा। कई जगह मेहंदी लगाने के लिए एडवांस बुकिंग की गई थी। वहीं बुधवार को व्रत के पारायण के बाद शहर में कपल की भीड़ बढ़ गई। अधिकांश जोड़ों ने होटलों में जाकर डिनर किया तो कई परिवार काफी हाउस में विविध व्यंजनों का स्वाद लेते नजर आए। रात 12 बजे तक होटलों में डिनर के लिए वेटिंग चलती रही।