कन्या भोज शुरू , मंगलदायी होगा मां महागौरी को अठवाइयों का भोग

कन्या भोज शुरू , मंगलदायी होगा मां महागौरी को अठवाइयों का भोग

जबलपुर। पंचमी पूजन के साथ चैत्र नवरात्र का पर्व पूरे शबाब पर आ गया है। रविवार को माता के पांचवे स्वरूप में स्कंद माता की आराधना की गई। आज माता कात्यायनी का पूजन होगा। वहीं सप्तमी पर कालरात्रि पूजन के बाद मंगलवार को माता महागौरी के आठवें स्वरूप का पूजन मंगलदायी होगा। अष्टमी तिथि पर मां अष्टभुजी को अठवाइयों का भोग लगाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पंचमी तिथि के साथ ही घरों में कन्या भोज का सिलसिला शुरू हो गया है। घरों में छोटी-छोटी कन्याओं का पूजन कर खीर-पुड़ी का भोज कराया गया। कन्या भोज का क्रम नवमी तिथि को मां सिद्धीदात्री के पूजन तक चलेगा। सुबहसु बह नगर के प्रमुख देवी मंदिरों बड़ी खेर माई, शीतला माता मंदिर, सदर काली माता मंदिर, बगलामुखी मंदिर, शारदा मंदिर मदनमहल, गलगला स्थित दुर्गा मंदिर में जल ढारने के साथ मां को चुनरी और भोग लगाने का सिलसिला शुरू हो गया था, वहीं अनेक मंदिरों में भंडारों का आयोजन भी शुरू हो गए हैं।

मंदिरों में लगी भीड़

रविवार को माता के पांचवें स्वरूप में स्कंदमाता का पूजन किया गया। पौराणिक मान्यता के अनुसार मां स्कंदमाता अपने भक्तों को अभीष्ट फल प्रदान करती हैं। भक्ति भाव के साथ उनकी आराधना करने से मां अपने भक्तों को आरोग्य का वरदान देने के साथ उनकी सूनी गोद भी भर देती हैं। उल्लेखनीय है कि पंचमी से ही भक्त देवी मंदिरों में प्रात: काल से ही मां के भक्त देवी- देवालयों में जल ढारने पहुंचने लगे थे।

छठे स्वरूप में आज होगी मां कात्यायनी की आराधना

नवरात्रि के छठे दिन अलौकिक तेज की स्वामिनी कही जाने वाली मां कात्यायनी की पूजा अर्चना का विधान है। मां कात्यायनी की पूजा करने पर विवाह में आ रही दिक्कतें दूर होती है और सुंदर रूप और कमनीय काया की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है। मां के स्वरूप को देखें तो तेजस्वी मां कात्यायनी शेर पर सवार हैं। उनके सिर पर मुकुट है और चार भुजाएं हैं। उनकी एक भुजा में तलवार है और दूसरी भुजा में कमल का फूल है। मां कात्यायनी का एक हाथ वर देने की मुद्रा में है और दूसरा हाथ ऊपर की ओर उठा हुआ है।