टीम के साथ ज्वाइंट डायरेक्टर ने शुरू किया गेरूआ से खराब मसूर फसल का सर्वे

टीम के साथ ज्वाइंट डायरेक्टर ने शुरू किया गेरूआ से खराब मसूर फसल का सर्वे

जबलपुर। गेरूआ रोग की चपेट में आने से खराब हुई मसूर की फसल को लेकर कृषि विभाग ने बुधवार से सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे की यह कार्यवाही कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पीपुल्स समाचार में प्रकाशित मटर, मसूर पर गेरूआ रोग का अटैक शीर्षक समाचार को संज्ञान में लेते हुए की। उन्होंने संयुक्त संचालक कृषि विभाग जबलपुर संभाग को प्रभावित क्षेत्रों में कृषि वैज्ञानिकों की टीम के साथ सर्वे कर रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया। अपर मुख्य सचिव कृषि विभाग के निर्देश पर बुधवार सुबह केएस नेताम कृषि वैज्ञानिकों की टीम के साथ संभाग के नरसिंहपुर जिले के तेंदुखेडा के ग्वारपाठा, छिछली व करेली पहुंचे। यहां पर संयुक्त संचालक केएस नेताम व कृषि वैज्ञानिकों ने खेत में जाकर प्रभावित फसल को देखा। साथ ही किसानों से विस्तार से जानकारी ली।

कलेक्टर से मिले

बताया जाता है कि दोपहर 12 बजे से लेकर देर शाम करीब 6 बजे तक टीम के साथ सर्वे करने के बाद जेडी नरसिंहपुर कलेक्टर को रिपोर्ट करने के लिए पहुंचे। यहां पर उन्होंने गेरूआ रोग से प्रभावित मसूर की फसल के लिए किए सर्वे के आधार अनुमानित नुकसान के बारे में जानकारी दी।

नरसिंहपुर में 30 हजार हेक्टेयर में लगी थी फसल

कृषि विभाग के आंकडों के मुताबिक नरसिंहपुर जिले में 2023-24 में 30 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में मसूर की फसल लगाई गई थी। इसमें बेमौसम बारिश व ओले से करीब 25 प्रतिशत तक नुकसान होने का अनुमान है।

भोपाल से नरसिंहपुर जिले में मसूर फसल उत्पादक किसानों के खेत में सर्वे के निर्देश प्राप्त हुए थे। जिसके परिपालन में कृषि वैज्ञानिकों की टीम के साथ ग्वारपाठा, छिछली और करेली में मसूर उत्पादक किसानों के खेत में जाकर गेरूआ रोग से प्रभावित फसल का सर्वे किया गया है। अभी सर्वे चल रहा है सर्वे पूरा होने के बाद ही स्पष्ट रूप से जानकारी दी जा सकेगी कि कितनी फसल इस रोग से खराब हुई है। केएस नेताम, संयुक्त संचालक कृषि विभाग जबलपुर संभाग