सिंध नदी पर बने जखमौली और इंदुर्खी के पुल बहे, पर बने नहीं
ग्वालियर। दो साल पहले अतिवृष्टि के कारण सिंध नदी में आई बाढ़ से जखमौली और इंदुर्खी (दोनों भिंड) के पुल टुकड़ों में बह गए थे। इसके चलते इन पुलों से यूपी जाने का रास्ता बंद हो गया था। इसके बाद से यह रास्ता अभी तक शुरू नहीं हो सका है। सेतु संभाग, लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन के लोग आंखें बंद कर बैठे हुए हैं। भिंड के प्रभारी मंत्री गोविन्द राजपूत ने अभी तक मुंह नहीं खोला है।
वर्ष 2020-21 में ग्वालियर- चंबल संभाग में अतिवृष्टि और सिंध नदी में आई बाढ़ के चलते जखमौली और इंदुर्खी के दो पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे। इंदुर्खी का पुल बह गया था जबकि जखमौली का पुल टुकड़ों में न सिर्फ क्षतिग्रस्त हो गया था, बल्कि तेज बाढ़ से उनका स्लैब बह गया था । इस प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए वादे किए लेकिन सरकार के वादे सिर्फ वादे साबित हुए और लोक निर्माण विभाग और सेतु संभाग ने रत्तीभर दिलचस्पी नहीं ली।
यूपी के लारौल जाने का रास्ता था पुल
सिंध नदी के ऊपर इसी पुल के जरिए नयागांव होते हुए लारौल जाने का रास्ता था लेकिन पुल क्षतिग्रस्त हो गया तो वह रास्ता बंद हो गया है। नयागांव से होकर यूपी में जाना रहता था, उसके लिए यह एक सुगम रास्ता था। अब यही सुगम रास्ता भी बंद हो गया। स्थानीय निवासी देवव्रत सिंह कहते हैं कि इन दो सालों में उन्हें लारौल (यूपी) जाने के लिए निजी माध्यमों का उपयोग करना पड़ रहा है। रहा सवाल इंदुर्खी का तो उसका भी हाल इस जैसा ही है। यहां के माननीय लोगों ने भी कोई दिलस्पी नहीं ली। प्रभारी मंत्री गोविन्द राजपूत से फोन पर बात करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो सकी।
34 करोड़ का टेंडर हो गया है
जखमौली पुल के लिए 34 करोड़ का टेंडर हो चुका है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि यह पुल विधानसभा चुनाव से पहले बनकर तैयार हो जाए ताकि लोगों को आने- जाने में सुगमता बनी रहे। संजीव सिंह कुशवाह, विधायक, भिंड