ST सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के प्लान फेल करने की तैयारी में जयस
जयस ने बनाई चुनाव संचालन समिति, ‘वन टू वन’ चर्चा के बाद बनेगा पैनल
भोपाल। प्रदेश की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों को लेकर कांग्रेस और भाजपा के साथ ही जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा- कांग्रेस की चुनावी समितियां गठित होने के बाद जयस की पॉलिटिकल विंग ने भी अपनी चुनाव संचालन समिति बना ली है। यह समिति दावेदारों से ‘वन टू वन’ चर्चा कर प्रत्याशियों का चयन करेगी। मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ. हिरालाल अलावा के राजधानी में शिवाजी नगर स्थित निवास पर मंगलवार रात जयस की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जयस की चुनाव संचालन समिति का गठन किया गया। यह समिति प्रत्याशी चयन और चुनाव संबंधी अन्य फैसले लेगी। समिति में राजेंद्र सिंह पंवार को चुनाव संचालन समिति का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया गया है। जयस ने सभी आरक्षित सीटों और कुछ सामान्य सीटों पर भी चुनाव लड़ने की तैयारी की है। दावेदारों के बायोडाटा मांगे : जयस ने 12 अगस्त को होने वाली बैठक में दावेदारों से बायोडाटा के साथ उपस्थित होने के लिए कहा है। बैठक में विधानसभा उम्मीदवारों से समिति सदस्य वन टू वन चर्चा कर पैनल तैयार करेगी। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कार्यकारी अध्यक्ष रविराज बघेल, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राजू पटेल और प्रदेश संरक्षक शिवभानु सिंह मंडलोई उपस्थित रहे।
ऐसे समझें आदिवासी सीटों के परिणामों का महत्व
विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों पर जयस प्रत्याशियों की मौजूदगी प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा के समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। मप्र की 47 आदिवासी सीटों को सत्ता की चाबी माना जाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को सिर्फ 16 सीटें मिलीं थी। सत्ता पर काबिज होने में इन एसटी सीटों की खास भूमिका थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 31 एसटी सीटें जीतीं और सरकार बनाई। उस तब कांग्रेस 15 एसटी सीट जीत सकी थी। इन नतीजों से समझा जा सकता है कि आदिवासी सीटों की सरकार बनाने में अहम भूमिका रहती है।
फैक्ट फाइल
- मप्र में लगभग 10 लाख सदस्य हैं जयस संगठन के।
- शहडोल, डिंडोरी, मंडला, आलीराजपुर और झाबुआ आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं।
- 2011 की जनगणना के अनुसार, 1.5 करोड़ आदिवासी आबादी है मप्र में।
जयस की स्क्रीनिंग कमेटी
राजेद्र सिंह पंवार (खरगोन), इंद्रपाल मरकाम (डिंडोरी), रविराज बघेल (धार), इंजी.निर्मल नरगावे (बड़वानी), राजेश सरठिया (शहडोल), रजत दीवान (सागर), राजेश खराडी (उज्जैन), राजू भलावी (नर्मदापुरम), रामकृष्ण कोल (सीधी), एड.अनुपम परधान कानूनी सलाहकार (भोपाल)
जयस विधानसभा का चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगा। हमारी पॉलिटिकल विंग फील्ड में लगातार सक्रिय है। ज्यादा से ज्यादा शिक्षित युवाओं को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। आदिवासियों की आवाज हम बेहतर ढंग से उठाने के लिए राजनीतिक धारा में आए हैं। -डॉ. हिरालाल अलावा, राष्ट्रीय संरक्षक, जयस