जेल भरो आंदोलन: कलेक्टर-एसपी की साफ नसीहत, किसी को अनुमति नहीं

जेल भरो आंदोलन: कलेक्टर-एसपी की साफ नसीहत, किसी को अनुमति नहीं

ग्वालियर। 25 सितंबर को फूलबाग मैदान पर गुर्जर समुदाय के महाकुंभ के पश्चात इसी समुदाय के लोगों के खिलाफ पुलिस के अत्याचार से ग्वालियर से कश्मीर तक के गुर्जर खफा हैं। रासुका जैसी कार्रवाई ने समाज को ज्यादा व्यथित किया है। प्रशासन का रवैया इसलिए उग्र हुआ है कि फूलबाग की सभा पूरी होने के बाद सभी लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। इसके बाद कलेक्टरएस पी और निगमायुक्त के वाहन के अलावा कलेक्ट्रेट तक पहुंचे लोगों के वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए थे। इसके बाद ही पुलिस को अपना रवैया कठोर करना पड़ा था। पुलिस ने भी अपने हाथ गरम कर लिए। कलेक्ट्रेट से लेकर अलकापुरी तिराहे तक उत्पात मचाया गया था। भीम आर्मी और युवा गुर्जर समुदाय द्वारा 12 अक्टूबर को जेल भरो आंदोलन का आव्हान करना पड़ा है। आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन ने वृहद स्तर पर अपनी तैयारी की है।

तीन चैकपोस्ट लगाए हैं घाटीगांव सर्किल में

घाटीगांव, मोहना और पनिहार की और से आने वाले सभी रास्तों को चैक किया जा रहा है। उधर एसडीएम डीसी करजरे का कहना है कि हमने घाटीगांव सर्किल से ग्वालियर जाने वाले सभी रास्तों की निगरानी की जा रही है। डबरा, भितरवार में भी प्रशासन सतर्क है।

दो हजार जवान व पांच कंपनी संभालेंगी मोर्चा

जेल भरो आंदोलन में एकत्रित होनी वाली भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस के दो हजार जवान तैनात रहेंगे। इसके साथ ही अलग से पांच कंपनियां भी मोर्चा संभालने के लिए बुलाई गई हैं। जो कि स्थिति को देखते हुए आदेशानुसार कार्रवाई करेगी।

चंद्रशेखर आजाद (रावण) की शहर में एंट्री!

गुर्जरों की महापंचायत में हुई हिंसा के बाद उनके समर्थन में उतरे भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण अपने ऐलान के मुताबिक बुधवार रात ग्वालियर में दस्तक दे चुका है। पुलिस को इस बात के इनपुट खुफिया तंत्र से मिले है, साथ ही भीम आर्मी के लोगों ने भी रावण के ग्वालियर आने की बात से इनकार नहीं किया है। हालांकि पुलिस इस खबर के बाद रावण के ठिकाने का पता करने की जद्दोजहद में लगी है।

इन ठिकानों पर पुलिस बल तैनात

गुरूवार के जेल भरो आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने कबीर आश्रम (सुरेश नगर), प्रजापति मंदिर (कुम्हरपुरा), बीवीएम कॉलेज (दर्पण कॉलोनी), संत रविदास धर्मशाला (कुम्हरपुरा) और पीएमएस हॉस्टल (झांसी रोड) 50-50 जवानों का पुलिस बल तैनात किया गया है।

मुहानों पर बनाए 18 चैक पोस्ट

आचार संहिता के दौरान बिना अनुमति के किए जा रहे इस जेल भरो आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस ने जिले के मुहानों सहित शहर की सीमा पर 18 चैक पोस्ट लगाए हैं। जहां हर वाहन पर पैनी नजर के साथ वाहनों को चेकिंग के बाद ही शहर में प्रवेश दिया जा रहा है।

प्रशासन मांग पूरी करे या गिरफ्तार : भाटी

राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र भाटी ने पांच सूत्रीय मांग पत्र पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को भेजा है। पीपुल्स समाचार से संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारा इरादा रत्तीभर सामाजिक माहौल को बिगाड़ना नहीं है। 12 अक्टूबर को हमारे मांग पत्र को मेला मैदान में आकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मान लें तो हमारा आंदोलन स्थगित हो जाएगा। हां अगर मांग पत्र में शामिल पांच सूत्रीय मांगों को स्वीकार नहीं किया तो पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी चाहें तो हमें गिरफ्तार कर लें। हम अपनी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं। भाटी का कहना है कि उनके साथ भीम आर्मी के चीफ चन्द्रशेखर आजाद (रावण) भी आ रहे हैं। हमने ग्वालियर संभाग से किसी भी व्यक्ति को कॉल नहीं किया है।

2 हजार जवानों के साथ 5 कंपनियां संभालेंगी जेल भरो आंदोलन

सोशल मीडिया पर जेल भरो आंदोलन के आगाज के बाद पुलिस और प्रशासन इस दफा पहले से अलर्ट है। कारण है कि पिछली बार गुर्जर महापंचायत के समापन पर आंदोलनकारियों ने शहर का सौहार्द बिगाड़ा था, ऐसे में आज जेल भरो आंदोलन में कोई अप्रिय घटना घटित होने से पहले पुलिस ने कमर कस ली है। पुलिस की नजर शहर के हर मुहाने से आंदोलन स्थल तक बनी हुई है। बात की जाए तो इस आंदोलन के लिए पुलिस अधीक्षक ने सभी निरीक्षकों की बैठक लेकर उन्हें अलर्ट रहने का आदेश दिया है। जिसके बाद बुधवार की शाम छह बजे से गुरुवार रात तक 24 घंटे पुलिस के लिए चुनौती भरे रहेंगे। हालांकि पुलिस ने इस आंदोलन से निपटने के लिए अपने अस्त्र-शस्त्रों को तैयार कर लिया है। जो कि विपरीत स्थिति पर लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए आंदोलनकारियों को खदेड़ कर शहर का सौहार्द नहीं बिगड़ने देंगे।

यह है मांगें

राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति ने अपने मांग पत्र में पांच मांगें अधिकारियों को सौंपी हैं। इन मांगों के पूरा होने पर संघर्ष समिति ने आंदोलन वापस लेने की बात भी कही है।

1.शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमे और रासुका जैसी औचित्यहीन कार्रवाई वापस ली जाए।

2.प्रदर्शनकारियों के सभा स्थल व आसपास खड़े वाहन जो पुलिस ने जब्त किए हैं उनके कागजों की जांच कर वापस किए जाएं।

3. भिंड में बौरेश्वर महादेव मंदिर से हटाया गया बोर्ड जिस पर गुर्जर प्रतिहार शासक अंकित था उसे पूर्व की स्थिति में बहाल किया जाए।

4. गुर्जर समाज के बेगुनाह लोगों पर नामजद एवं अज्ञात में दर्ज मुकदमे तत्काल खत्म किए जाएं, गिरफ्तार लोगों की रिहाई की जााए।

5.फर्जी मुठभेड़ में मारे गए आकाश गुर्जर के पीड़ित परिजनों को न्याय एवं आर्थिक मदद दी जाए।