जबलपुर बिजली तो जर्मनी सिखाएगा इनर्ट वेस्ट से फ्यूल बनाने का काम

जबलपुर बिजली तो जर्मनी सिखाएगा इनर्ट वेस्ट से फ्यूल बनाने का काम

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को कचरे से निजात मिलने के बाद ही स्वच्छता में नंबर-1 का अवॉर्ड मिला, लेकिन पिछले दो सालों से एक बार फिर ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का पहाड़ इंदौर की स्वच्छ छवि को दागदार कर रहा है। दरअसल, गीले कचरे को रिसाइकिल करके बचे हुए इनर्ट वेस्ट का जब कोई समाधान नहीं निकला तो इंदौर नगर निगम ने ट्रेंचिंग ग्राउंड पर ही इसे डंप करना शुरू कर दिया। देखते-ही-देखते एक बार फिर ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का विशाल पहाड़ नजर आने लगा। इस पहाड़ के बढ़ने के साथ ही इंदौर नगर निगम की धड़कनें भी बढ़ने लगीं, लेकिन ट्रेंचिंग ग्राउंड के इस पहाड़ को फिर से हटाने के लिए इंदौर निगमायुक्त ने जबलपुर की तर्ज पर इनर्ट वेस्ट से बिजली और जर्मनी की तर्ज पर फ्यूल बनाने का एक नया रास्ता खोजा है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर हर दिन 40 टन कचरे को डंप किया जाना चिंता का विषय है।

शहर में जल्द ही स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 का सर्वे होगा और सेवन स्टार रेटिंग के लिए सर्वे भी प्रस्तावित है। ऐसे में इंदौर नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह इस समस्या का हल खोजने में जुटी हुई हैं। इस कार्य में बायो सीएनजी प्लांट संचालित करने वाली कंपनी आईईआईएसएल भी इंदौर नगर निगम की मदद कर रही है। हर्षिका सिंह ने बताया कि ट्रेंचिंग ग्राउंड पर इनर्ट वेस्ट जमा होने की समस्या नगर निगम के लिए चिंताजनक है। जबलपुर में जिस तरह से कचरे से बिजली बनाई जा रही है... इसी तरह इंदौर में इनर्ट वेस्ट से बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। इसके अलावा फ्यूल बनाने की तकनीक पर भी चर्चा की गई थी।

बिजली के लिए जबलपुर प्लांट का अध्ययन

नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह ट्रेंचिंग ग्राउंड पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए योजना का अध्ययन कर रही हैं। वर्तमान में जबलपुर में कचरे से बिजली बनाने का प्लांट संचालित किया जा रहा है, जिसके पूरे मॉडल की जानकारी एकत्र की जा रही है, जिसमें खर्च, मेंटेनेंस, तकनीक, बिजली उत्पादन, कचरे की मात्रा जैसे विषयों पर इंदौर के संबंध में अध्ययन किया जा रहा। प्राथमिक तौर पर इंदौर में इस प्लांट के सफलतापूर्वक संचालन की संभावनाएं 100 प्रतिशत हैं।

फ्यूल बनाने का प्रस्ताव, किया जा रहा अध्ययन

नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह को वर्तमान में ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बायो सीएनजी प्लांट संचालित करने वाली कंपनी द्वारा भी प्रस्ताव दिया गया है, जिसके तहत इनर्ट वेस्ट से जर्मनी में इजाद की गई तकनीक के आधार पर फ्यूल भी बनाया जा सकता है। जिसमें प्लांट लगाने की कॉस्ट, संचालन का खर्च, आय का अध्ययन किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां से बनने वाले फ्यूल को बाजार में किस तरह बेचा जाएगा एवं इसकी गुणवत्ता क्या होगी... इन सभी विषयों पर अध्ययन जारी है।

जल्द होगा निराकरण

इंदौर में कोई भी डंपिंग साइट नहीं है, इसलिए अब अधिक समय तक ट्रेंचिंग ग्राउंड पर इनर्ट वेस्ट को जमा नहीं किया जा सकता। इस समस्या के निदान करीब इंदौर नगर निगम बहुत जल्द ही पहुंच जाएगा। - हर्षिका सिंह, नगर निगम आयुक्त इंदौर