निगम एसटीपी के काटे कनेक्शन तो महाप्रबंधक के घर पहुंची जेसीबी
ग्वालियर। जलालपुर सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों के हाईटेंशन कनेक्शनों का 7 करोड़ बिल बकाया होने पर लाइन कटवाना बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक को भारी पड़ गया। क्योंकि इससे नाराज निगम अधिकारियों ने महाप्रबंधक के घर जेसीबी सहित अमला पहुंचा दिया, जिसके बाद उन्हें 24 घंटे का नोटिस देकर भवन निर्माण संबंधी दस्तावेज देने का मौका दिया है। हालांकि मामले के तूल पकड़ने व लोगों की समस्या बढ़ने की बात आने पर बिना बकाया राशि जमा किए एचटी लाइन जोड़ दी गई। मंगलवार की शाम 4 बजे मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा जलालपुर एसटीपी का विद्युत बिल बकाया होने पर कनेक्शन काट दिया गया। जिससे मौके पर सीवर को लिफ्ट कर बाहर फेंकने व फिल्ट्रेशन प्लांट में काम करने वाली पूरी मशीनरी ठप हो गई।
मामले की जानकारी निगम अधिकारियों को लगते ही हड़कंप मच गया। क्योंकि सीवर लाइनों के गंदे पानी की निकासी न होने पर लाइनों के ओवरफ्लो होने का भीषण संकट पैदा होना शुरू हो गया था। जिसकी सूचना निगम के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचते ही बिजली कनेक्शन कटवाने वाले महाप्रबंधक नितिन मांगलिक निशाने पर आ गए और शाम को लगभग 6 बजे के बाद उनके चंद्र नगर स्थित आवास पर निगम सहायक सिटी प्लानर प्रदीप जादौन, उपायुक्त केशव चौहान, नोडल मदाखलत अतिबल सिंह यादव सहित अन्य अमला जेसीबी के साथ मौके पर पहुंचा। जिसके बाद महाप्रबंधक की मां ऊषा मांगलिक के नाम वाले मकान के निर्माण संबंधी दस्तावेज देने के लिए नोटिस थमा दिया। मामले के तूल पकड़ते ही बिजली कंपनी के अधिकारियों को भनक लग गई और जानकारों की मानें तो राजनीतिक दबाव बनने पर 60 व 145 एमएलडी वाले एसटीपी के कनेक्शन जोड़ दिए गए।
नगर निगम पर बकाया है 7 करोड़ रुपए
विद्युत अधिकारियों की मानें तो निगम को मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से हर बार लगभग 8 करोड़ की राशि विद्युत देयक के रूप में भुगतान की जाती है, लेकिन एसटीपी के विद्युत देयक निगम को देने होते हैं और निगम की माली हालत बहुत खराब है, जिसके चलते निगम पर बकाया 7 करोड़ जमा नहीं हो पाने पर कनेक्शन काटे गए हैं। लेकिन निगम द्वारा बदले की कार्रवाई से विद्युत अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।