दिमाग में था- कुछ ऐसा करना है, जिससे देश गर्वित हो, जीता गोल्ड: सुदीप्ति हजेला

एशियन गेम्स में अनुभवों पर भारी युवा शक्ति

दिमाग में था- कुछ ऐसा करना है, जिससे देश गर्वित हो, जीता गोल्ड: सुदीप्ति हजेला

इंदौर। चीन में आयोजित हो रहे एशियन गेम्स के घुड़सवारी में भारत को गोल्ड दिलाने वाली इंदौर की बेटी सुदीप्ति हजेला गुरुवार को पीपुल्स समाचार के दμतर पहुंचीं। यहां पीपुल्स समाचार की पूरी टीम ने उन्हें बधाई दी और उनका स्वागत किया। इस दौरान सुदीप्ति ने कैसे गोल्ड तक के सफर को पूरा किया, इस बारे में अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उनकी शक्ति उनकी मां और हनुमान जी हैं, जो हर संकट को टाल कर सफलता की ओर ले जाते हैं। सुदीप्ति ने बताया कि हमने बहुत मेहनत की। हमारी टीम ऐसे खिलाड़ियों के साथ खेल रही थी, जो 4 से 5 एशियन गेम्स खेल चुके हैं। वह काफी अनुभवी थे, उनके बीच में हमारी टीम युवा थी। हमें पता ही नहीं था कि हम गोल्ड ला सकते हैं, लेकिन विश्वास था कि कोई भी काम कठिन नहीं होता। बस दिमाग में एक ही बात थी कि कुछ ऐसा करना है कि पूरा भारत गर्वित हो। हमारी पूरी टीम ने काफी मेहनत की और गोल्ड मेडल लेकर आई।

मां होती है साथ: तनाव तो रहता है, पर हमेशा उसके उपाय भी कर लेती हूं

सुदीप्ति से जब पूछा गया कि खेल के दौरान या उसके पहले काफी तनाव रहता होगा, उससे आप कैसे निपटती हैं? सुदीप्ति ने कहा कि हां तनाव बहुत रहता है। मैं जब भी बड़े या छोटे टूर्नामेंट में जाती हूं, तो मेरी मां मेरे साथ होती हैं। मैं जैसे ही घोड़े पर बैठती हूं, तो अपने कानों में एयरपॉड लगाकर सिर्फ हनुमान चालीसा ही सुनती हूं। इसके अलावा मुझे कुछ सुनाई नहीं देता। वह मुझे शक्ति भी देता है और तनाव से मुक्त भी रखता है।

सरकार का सपोर्ट: अब ओलिंपिक की तैयारी है, वहां गोल्ड लाने पर होगा हमारा फोकस

सुदीप्ति ने बताया एशियन गेम्स के बाद अब ओलिंपिक की तैयारी है। वहां भी हम गोल्ड के लिए ही तैयारी करेंगे। सुदीप्ति ने बताया कि भारत सरकार ने खेलों में जो रुचि दिखाई है, वह हम सब के लिए बहुत ही अच्छा अवसर है। सरकार हर क्षेत्र के खिलाड़ियों को सपोर्ट करती है। अन्य देशों में भी जब हम खेलने जाते हैं तो वहां के लोग और खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों को सपोर्ट करते हैं। कभी ऐसा नहीं लगता कि हम किसी अन्य देश में है।