उपभोक्ता अधिकारों पर हावी हो रहे सिंडिकेट पर नियंत्रण जरूरी : ग्राहक पंचायत

उपभोक्ता अधिकारों पर हावी हो रहे सिंडिकेट पर नियंत्रण जरूरी : ग्राहक पंचायत

इंदौर। मालवा प्रांत विधि आयाम की एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई। यहां आयोजित सत्र को न्यायाधीश एवं जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष बलराज कुमार पालोदा ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मार्केटिंग के कारण बाजार का परिदृश्य बदला है। यदि सेवा प्रदाता अपने कार्यालय का पता बदल देते हैं या जमा पूंजी पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी गाइडलाइन से कम ब्याज दर देते हैं या उपभोक्ताओं को अधिक ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करवाते हैं, तो यह छलपूर्ण व्यापारिक व्यवहार है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 उपभोक्ताओं के हित में लागू किया गया है, परंतु इसमें भी अनेक चुनौतियां हैं। कार्यशाला में शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, खरगोन, बड़वानी, नीमच, देवास और इंदौर जिले के 61 अधिवक्तागण उपस्थिति रहे।

सिंडिकेट का हावी होना बड़ा संकट- कार्यशाला के प्रथम सत्र में एक्रोपोलिस इंस्टीट्यूट की एकेडमिक डीन डॉ. गीतांजलि आर. चंद्रा ने कहा कि जागरूक रहकर उपभोक्ता हित में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया को उपभोक्ता विरोधी अनुचित प्रतिस्पर्धा की जानकारी पहुंचाना आवश्यक है। उपभोक्ता अधिकारों पर हावी हो रहे सिंडिकेट पर नियंत्रण होने पर ही हमें सामान्य वस्तुएं एवं सेवाएं उचित दाम पर सुलभ होंगी।

भय, लालच और अनदेखी है खतरनाक

साइबर सुरक्षा के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह ने कहा- आईटी एक्ट के सेक्शन 46 के अनुसार - किसी अन्य व्यक्ति के लापरवाहीपूर्ण कृत्य के कारण यदि हमें आर्थिक हानि होती है, तो राज्य के आईटी प्रमुख सचिव को शिकायत कर सकते हैं, जिसमें 5 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। तीन कारणों से साइबर अपराध सामने आते हैं- भय, लालच और जानकारी होने पर भी अनदेखा करना। किसी भी सेवा प्रदाता का कस्टमर केयर नंबर गूगल सर्च इंजन पर ढूंढने के कारण भी धोखा होता है।

दक्ष ग्राहकों की शक्ति में वृद्धि है उद्देश्य

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण भाई शाह ने कहा कि संगठन एक माध्यम है, जिसके कारण उपभोक्ताओं को हमसे मिलने का अवसर प्राप्त होता हैं। ग्राहक शोषण को पूरी तरह से खत्म करने और ग्राहक कल्याणकारी व्यवस्था के लिए संगठन सदैव प्रतिबद्ध हैं। दक्ष ग्राहकों की शक्ति में वृद्धि करके, ग्राहक शक्ति को शोषण मुक्ति के लिए उपयोग करना हैं। कार्यक्रम के अंत में मालवा प्रांत विधि प्रमुख सुहास पुंडलीक ने प्रांत के जिलों से आए अधिवक्तागण का आभार व्यक्त किया।