हजार बिस्तर अस्पताल में लगाएं CT-MRI मशीन, बाजार से नहीं खरीदनी पड़े दवा
ग्वालियर। प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंगलवार को जेएएच समूह के अस्पतालों का निरीक्षण कर जीआरएमसी की सामान्य परिषद की लंबी बैठक ली। इस बैठक के दौरान श्री शुक्ल का फोकस मरीजों की परेशानी व अस्पतालों में सुविधाएं बेहतर करने पर नजर आया। जेएएच के अस्पतालों में मौजूद खामियों पर उपमुख्यमंत्री नाराज नजर आए, जिसके चलते उन्होंने निर्देश दिए कि जेएएच के सभी अस्पतालों में जो खामियां हैं उन्हें शीघ्र दूर किया जाए। हजार बिस्तर अस्पताल में सीटी स्कैन व एमआरआई की जांच मशीन लगाई जाए। उपचार एवं दवाओं सहित अन्य सुविधाओं के लिए मरीज परेशान न हों, मरीजों को सभी दवाएं अस्पताल में ही मिलनी चाहिए, कोई मरीज बाजार से दवा खरीदने का मजबूर न हो।
सुविधाएं बेहतर करने के लिए अस्पतालों में रिक्त पड़े नर्स एवं वार्ड ब्वॉय के जितने भी पद हैं उन्हें शीघ्रता से भरा जाए। एक हजार बिस्तर में एसी, जनरेटर, लिफ्ट एवं अन्य उपकरणों के मेंटेनेंस की स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्री ने हजार बिस्तर अस्पताल, केआरएच, सुपर स्पेशलिटी सहित अन्य अस्पतालों का निरीक्षण कार में बैठक किया, अगर मंत्री अस्पतालों में प्रवेश कर जाते तो प्रबंधन की कलई खुलना तय थी, क्योंकि जेएएच समूह के अस्पताल सुविधा की जगह असुविधा के लिए अधिक चर्चाओं में रहते हैं। हालांकि जैसे ही मंत्री ने कहा कि अस्पताल का निरीक्षण करने चलना है तो प्रबंधन के अधिकारियों के चेहरे की हवाइयां उड़ गई थीं।
जिला अस्पतालों में सुधार की जरूरत
जेएएच के अस्पताल ओवरलोड न हों, एक हजार बिस्तर अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए जिला अस्पताल मुरार, सिविल अस्पताल हजीरा के साथ ही डबरा एवं भितरवार के अस्पतालों का उन्नयन भी किया जाए। ताकि एक हजार बिस्तर के अस्पताल में आने वाले मरीजों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। निजी अस्पतालों की तरह शासकीय अस्पतालों में भी मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पेशेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू करने पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। इसके लागू होने से अस्पताल में आने वाले मरीजों को तत्परता से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
जनप्रतिनिधियों की मदद से बढ़ाएं सुविधाएं
अस्पतालों में बेहतर उपचार के लिए आवश्यक उपकरण एवं अन्य सुविधाओं के लिए सांसद निधि, विधायक निधि एवं सीएसआर मद पर राशि उपलब्ध हो सके, इसके सार्थक प्रयास किए जाएं। संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर इस संबंध में जनप्रतिनिधियों और उद्योगपतियों से चर्चा कर अस्पताल को उपकरणों की उपलब्धता के संबंध में प्रयास करें। बैठक में महापौर शोभा सिकरवार सहित अन्य जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ही अस्पतालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।