अवसाद को दूर कर रहा स्टूडेंट्स का इंस्पायर ग्रुप, योग व ध्यान से करते हैं दिन की शुरुआत

अवसाद को दूर कर रहा स्टूडेंट्स का इंस्पायर ग्रुप, योग व ध्यान से करते हैं दिन की शुरुआत

 मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) के छात्र इंस्पायर ग्रुप के माध्यम से प्रदेश के साथ देश के अन्य संस्थानों में पढ़ाई करने वाले बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा भर रहे हैं। पढ़ाई के दौरान बढ़ते तनाव, सेमेस्टर में फेल होने से होने वाले अवसाद, बढ़ती आत्महत्याओं एवं चारों ओर फैली नकारात्मकता से बचने के लिए छात्र योग, ध्यान, भक्ति और सात्विक जीवन को अपनाकर जीवन को एनर्जी से भरने का प्रयास कर रहे हैं। 2008 में ग्रुप के डॉ. सौरभ तिवारी अपने पांच दोस्तों के साथ हॉस्टल छोड़ पास की कॉलोनी में रहने लगे। उन्होंने अपने जैसे छात्रों को साथ जोड़कर ‘इंस्पायर’ ग्रुप बनाया। स्टूडेंट्स भी मानवता के मूल मंत्रों को सीखकर बेहतर समाज के निर्माण में भागीदार बन रहे हैं। इससे प्रभावित होकर प्रदेश सहित देश के कई कॉलेजों के छात्र भी अपनी सफलता के लिए इस फॉर्मूला को अपना रहे हैं। ग्रुप के सदस्य ने बताया कि विज्ञान और आध्यात्म के संबंध में कई दिनों तक रिसर्च की। साथ ही आध्यात्म से सेल्फ कंट्रोल, टाइम मैनेजमेंट एवं पॉवर ऑफ हैबिट जैसे विषयों को छात्रों तक पहुंचाया।

स्लम एरिया के बच्चों को पढ़ा रहे सदस्य

इंस्पायर ग्रुप आध्यात्म के साथ ही समाजसेवा के क्षेत्र में भी कार्य कर रहा है। ग्रुप को वर्तमान में करीब 40 छात्र व पूर्व छात्र संचालित कर रहे हैं। ग्रुप ने एक स्टार्टअप ‘अवंतिकुलम’ भी बनाया है, जो गरीब बच्चों को पढ़ाई में सहायता करता है। मैनिट के छात्र गरीब बच्चों के घर जाकर शिक्षा देते हैं। साथ ही 9वीं से 12 वीं तक के छात्रों के लिए आईआईटी और नीट की फ्री ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाती है।

आईआईटी कैंपस की कराते हैं विजिट

इसके साथ ही इंस्पयार ग्रुप ‘टेकस्फूर्ति’ प्रोग्राम के जरिए भोपाल के सभी कॉलेज के बच्चों को देशभर की आईआईटी में ले जाते हैं, जहां उन्हें नया एक्सपोजर मिलता है। इसके साथ ही वार्षिक कैंप और यात्राएं भी आयोजित की जाती हैं।

शास्त्रों का पाठ करते हैं

इंस्पायर ग्रुप के छात्र शशांक रेड्डी ने बताया कि हम अल्कोहल, सिगरेट, जंकफूड एवं मांसाहार से दूर रहते हैं। दिन की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर शास्त्रों के पाठ से होती है। फिर ध्यान लगाते हैं और मात्र सात्विक भोजन ही ग्रहण करते हैं। इस क्रिया से मन में सात्विक विचार ही उत्पन्न होते हैं, जो हमारी बुद्धि का पोषण करते हैं।

2008 में शुरू किया ग्रुप

हर साल जुड़ रहे 500 छात्र इंस्पायर ग्रुप के सदस्य ने बताया कि इस ग्रुप को 2008 में तैयार किया गया था, जिसमें स्टूडेंट्स की अलग-अलग समस्याओं को दूर करना शुरू किया। इसमें हर साल 500 स्टूडेंट्स जुड़े और 15 साल में लगभग 8 हजार स्टूडेंट जुड़ गए।

सीनियर का मिलता है गाइडेंस

सीएस डिपार्टमेंट के आदित्य राव कहते हैं, पहले मैं हॉस्टल में रहता था, तो कभी-कभी पूरा दिन हॉस्टल में ही निकल जाता था। न कोई रूटीन सेट हो रहा था। इसके बाद इंस्पायर से जुड़ने के बाद नियंत्रित तरीके से काम कर रहा हूं। साथ ही समय-समय पर सीनियर से गाइडेंस भी मिलता है।