माया ऑपरेटिंग सिस्टम से लीक नहीं होंगी सूचनाएं
नई दिल्ली। मौजूदा दौर में युद्ध के तौर तरीके बदल रहे हैं। अब दुश्मन देश की मिसाइल और तोप से ज्यादा खतरा उसकी तरफ से किए जाने वाले साइबर हमलों से है। इसे देखते हुए भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक अहम निर्णय लिया है। अब रक्षा मंत्रालय के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करना आसान नहीं होगा। रक्षा मंत्रालय के कम्प्यूटर्स में अब माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम की जगह माया ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को हटाने और माया ऑपरेटिंग सिस्टम नाम से एक स्थानीय ऑपरेटिंग सिस्टम अपनाने का फैसला किया है। इसका परीक्षण शुरू हो गया है और मंत्रालय के कुछ कंप्यूटरों में 15 अगस्त तक माया ओएस स्थापित हो जाएगा। मंत्रालय का मानना है कि ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म पर आधारित नया ऑपरेटिंग सिस्टम साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देगा। माया ओएस को एक सरकारी एजेंसी द्वारा छह महीने में विकसित किया गया था। इसमें एंडपॉइंट डिटेक्शन और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाएं हैं।
नेवी ने लिया फैसला, सेना, वायुसेना कर रहीं मूल्यांकन
भारतीय नौसेना ने भी अपने सिस्टम में माया ओएस स्थापित करने का निर्णय लिया है जबकि सेना और वायु सेना इसका मूल्यांकन कर रही हैं। साइबर युद्ध की क्षमता और साइबर हमलों, जासूसी और डेटा चोरी की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सेना ने अप्रैल में सभी छह परिचालन कमांडों में समर्पित इंटरनेट नेटवर्क बढ़ाने के लिए कदम उठाए।