अमृत 1 में दे रहे पानी की गुणवत्ता, पानी के दबाव की जानकारी देना होगी भोपाल
ग्वालियर। अमृत फेस 1 में करोड़ों खर्च होने के बाद जारी पानी की सप्लाई के मामले में नगरीय प्रशासन विभाग ने रिपोर्ट तलब की है। जिसके चलते प्रदेश के सभी नगर निगम व नगर पालिकाओं को जारी पानी की सप्लाई, पानी की गुणवत्ता, पीपीएम, टीडीएस, पानी का दबाव बताना होगा। नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत यादव का आदेश है डाटा भोपाल भेजना होगा। ग्वालियर में 2018 में अमृत योजना के तहत शहर की पेयजल के लिए 650 करोड़ व सीवर के लिए 600 करोड़ कुल 1250 करोड़ की डीपीआर तैयार करवाने के बाद शासन स्तर से 330 करोड़ रुपए पेयजल व सीवर के लिए 400 करोड़ की राशि स्वीकृति दिलवाई थी।
जिसके बाद अमृत योजना फेज 1 के तहत नगर निगम अधिकारियों ने प्राथमिकी तौर पर वार्ड क्रमांक 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 37, 52, 56, 57, 58 सहित अन्य में पानी व सीवर की लाइनें डाली गई और डीपीआर का पैसा कम मिलने के चलते वार्ड 31, 32, 33, 34, 35, 36, 38, 39, 40, 41, 42, 43, 44, 45, 46,47, 48, 49, 50, 51, 52, 53, 54, 55, 59, 60 सहित ग्रामीण के वार्ड 61 से 66 तक को अमृत के कार्य नहीं हो पाए थे। हालांकि योजना दो साल में पूरी होनी थी, लेकिन अभी तक स्टॉर्म वाटर सहित अन्य कार्यों के पूरा न होने के चलते योजना पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाई है और फाइनल बिल होने से पहले ही अमृत .02 की डीपीआर के चलते काम करने की शुरूआत किए जाने की तैयारी है।
सीसी मिलने पर ठेकेदार ने शुरू कर दिया है ओएंडडम
अमृत फेज 1 में कार्य करने के बाद मेंटेनेंस का काम करने के लिए ठेकेदारी फर्म को कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र (सीसी) दे दिया गया है। यही कारण है कि ठेकेदारी फर्म द्वारा पानी-सीवर के प्लांटों के साथ साथ फील्ड में भी मेंटेनेंस का काम देखने का काम शुरू कर चुकी है और निगम द्वारा उसका भुगतान किया जा रहा है।