पढ़ाई पर महंगाई की मार : कॉपी किताब से लेकर सब कुछ महंगा
ग्वालियर। शिक्षण सत्र 2023-24 के तहत स्कूल 1 अप्रैल से खुलने जा रहे हैं। अभिभावक बाजार में कॉपी, किताबें और स्टेशनरी खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं तो वह पिछले साल की तुलना में बढ़े हुए दाम सुनकर हैरान हो रहे हैं, क्योंकि कागज महंगा होने से कॉपी और किताबों की कीमत में 15 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। यही नहीं स्कूल बैग, रबर, पेंसिल और शॉर्पनर के दामों में भी 10 से 20 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। स्कूलों ने अभिभावकों को कॉपी, किताबों की सूची थमा दी है, जब वह दुकानों पर किताबें लेने के लिए पहुंच रहे हैं तो सिलेबस बदलने के कारण पूरी किताबें नहीं मिल पा रही हैं। नई एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के कारण 6वीं से 10वीं क्लास तक के सभी विषयों में दो-दो पाठ कम कर दिए गए हैं, इसलिए विज्ञान, गणित, इतिहास, इंग्लिश, हिंदी की किताबें नहीं आईं हैं।
स्कूल के हिसाब से किताबों के रेट
विक्टोरिया मार्केट में किताब, कॉपी के विक्रेता रमेश अग्रवाल बताते हैं कि स्कूल के हिसाब से किताबों के सेट की कीमत है। बड़े स्कूलों की किताबों के रेट ज्यादा हैं। बुक के सेट में प्राइवेट पब्लिशर के साथ-साथ एनसीईआरटी की किताबें शामिल हैं। कक्षा 2 से 5वीं की किताबों की कीमत 3 से 4 हजार रुपए और 6वीं से 10वीं तक की किताबें 5500 से 7500 हजार रुपए तक हैं। पिछली बार अभिभावकों को प्राइवेट पब्लिशर की किताबों के साथ-साथ एनसीईआरटी की हिंदी, गणित, विज्ञान विषय की किताबें खरीदना पड़ी थीं।
बच्चों को पढ़ाना हो रहा मुश्किल
अभिभावक चंद्रेश शर्मा का कहना है कि स्कूलों के हिसाब से कॉपी किताब के दाम भी अलग-अलग हैं। जिन स्कूलों की फीस अधिक है। उनकी ड्रेस सहित अन्य सामग्री भी महंगी है। अब दामों में इजाफा होने से दोहरी मार पड़ रही है। महंगाई की मार ने आम लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। वहीं अंजलि शिवहरे ने बताया कि हर साल किताबों-कॉपियों सहित अन्य सामग्री के दाम बढ़ते हैं, ऐसे में आम लोगों का बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाना मुश्किल हो जाएगा।
कॉपियों के दाम बढ़ा दिए, पेज कर दिए कम
शिंदे की छावनी स्थित कॉपी-किताब विक्रेता संजय जैन के मुताबिक कॉपियों की कीमतों में दो तरीके से इजाफा किया गया है। एक तरफ ब्रांडेड कंपनियों ने कॉपियों के दाम बढ़ाने की जगह कॉपियों के पेज कम कर दिए जबकि कुछ कंपनियों ने साइज (लंबाई-चौड़ाई) कम की है। इसके अलावा लोकल ब्रांड की कॉपियों ने दाम बढ़ाने के साथ पेजों की संख्या भी घटाई है। 164 पेज की कॉपी पहले 30 रुपए में आती थी, जो अब 35 से 40 रुपए हो गई। 28 पेज की कॉपी 5 रुपए में आती थी, जो अब 20 पेज की होने के साथ 8 से 10 रुपए में मिल रही है। वहीं 10 रुपए वाली रॉयल कॉपी पेज कम होने के बाद भी 15 रुपए में मिल रही है। रफ कॉपी पहले 20 रुपए में आती थी, उसके दाम अब 25 से 30 रुपए हो गए हैं। 192 पेज की कॉपी 25 से 35 रुपए की हो गई। 120 पेज की कॉपी 15 रुपए की थी, वह अब 20 रुपए में मिल रही है। इसके अलावा रबर, पेंसिल या शॉर्पनर का सेट भी अब 55-60 रुपए का हो गए हैं। स्कूल बैग के रेट भी 50 से 100 रुपए तक बढ़ गए हैं।