इंदौर के पुलिस व प्रशासनिक अफसरों पर रौब जमाकर 6 माह से करवा रहा था काम

इंदौर के पुलिस व प्रशासनिक अफसरों पर रौब जमाकर 6 माह से करवा रहा था काम

इंदौर। क्राइम ब्रांच ने उस कथित फर्जी आईएएस को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को दिल्ली काडर का अफसर बताकर पटवारी, नायब तहसीलदार, पुलिस कंट्रोल रूम और यहां तक कि टीआई तक से अपने काम करवाना शुरू कर दिए थे। गिरफ्त में आया आरोपी हर दूसरे दिन पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन लगाता था। स्वयं को कभी इंदौर तो कभी भोपाल एडीएम भी बताता था। मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी अपनी रौबदार आवाज का फायदा उठाकर हीरानगर, खजराना, लसूड़िया, मानपुर और छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारियों तक को बात करने का आदेश देता था।

कई बार कॉल कर कंट्रोल रूम से थाने के बीट कर्मियों के नंबर लेकर सीधे काम बताता था। इंदौर के स्थानीय अफसरों और कर्मियों को कई बार उसने सीएम हाउस में पदस्थ एडीसी भी बताया है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक आरोपी के प्रभाव में उलझे कई पुलिस अफसरों ने आरोपी का मोबाइल नंबर अपने मोबाइल में आईएएस (दिल्ली) के नाम से नंबर सेव कर लिया था। मल्हारगंज क्षेत्र के पटवारी तो उसके लिए एक पैर पर खड़े रहता था। इतना ही नहीं अफसरी की ठसक और रौब ऐसा कि आरोपी छह महीने से कलेक्टोरेट के कर्मियों से भी काम करवा रहा था।

आईएएस अमित सिंह बोल रहा हूं...!

लसूड़िया थाना प्रभारी तारेश कुमार सोनी के मुताबिक गिरफ्त में आए आरोपी की मूलत: पहचान रामदास पुत्र फेरनसिंह गुर्जर निवासी ग्राम अरूषी, अंबाह, मुरैना है। रामदास स्वयं को आईएएस अधिकारी अमित सिंह बताता था। आरोपी के खिलाफ मल्हारगंज क्षेत्र के पटवारी और स्कीम नंबर 78 में रहने वाले संतोष गिरजाशंकर चौधरी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। ये वही पटवारी हैं, जिन्होंने एक तहसीलदार के कहने पर आरोपी को दो सिम कार्ड उपलब्ध करवाने सहित अन्य भी कई काम करवाए थे। उधर, क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया शातिर रामदास ने पटवारी चौधरी से शादी के लिए चर्चा भी कर ली थी। उसने कहा था कि लड़कियों के बायोडाटा एकत्र करें, जिनकी प्रोफाइल आईएएस से शादी करने लायक हो।