पचमढ़ी से ठंडा रहा इंदौर; भोपाल में आधे घंटे तेज बारिश, पारा 20 गिरा

पचमढ़ी से ठंडा रहा इंदौर; भोपाल में आधे घंटे तेज बारिश, पारा 20 गिरा

भोपाल। राजधानी समेत प्रदेशभर में मावठे की बारिश और सर्द हवाओं के चलते ठंड बढ़ गई है। भोपाल सहित ज्यादातर जिलों में दिन-रात का पारा गिरने लगा है। भोपाल में बुधवार शाम करीब छह बजे लगभग आधे घंटे तेज बारिश हुई। दिन में भी रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। इससे दिन में पारा 2 डिग्री गिरकर 23.7 डिग्री रहा। प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश मलाजखंड में 31.2 मिमी रिकॉर्ड हुई। इंदौर प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। यहां दिन का पारा हिल स्टेशन पचमढ़ी से भी कम 22.3 डिग्री दर्ज हुआ। पचमढ़ी में दिन का पारा 24 डिग्री था। भोपाल स्थित मौसम केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। इससे बारिश का अंदेशा है। इसका सबसे ज्यादा असर इंदौर और उज्जैन संभाग में दिखेगा। 24 घंटों में देवास, सीहोर, शाजापुर, धार, इंदौर, उज्जैन, राजगढ़ व अन्य जिलों में बारिश हो सकती है। छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, भोपाल, रायसेन के भीमबैठका और सांची, विदिशा, उत्तरी बैतूल, सीहोर, सागर, दमोह, जबलपुर, उमरिया में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है।

बारिश हुई तो सिर पर रख ली लाइफ जैकेट भोपाल के बड़े तालाब में बुधवार की शाम को बोटिंग करने गए कुछ लोगों ने बारिश होने पर लाइफ जैकेट को उतार कर सिर पर रख लिया ताकि वे पानी से बच जाएं। उनकी पानी से बचने की कोशिश ने लाइफ जैकेट पहनने के पूरे उद्देश्य को ही फेल कर दिया। फोटो: चंद्रेश माथुर 5

एडवाइजरी : आकाशीय बिजली गिरने का खतरा

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, जो सिस्टम बना है, उसकी वजह से आकाशीय बिजली गिरने का खतरा ज्यादा है। इसको लेकर विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि गरज-चमक के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े न हों। पशुओं को खुले में न छोड़े। बिजली ने ली 24 जानें : गुजरात में हाल ही में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के दौरान बिजली गिरने से 24 लोगों की मौत हुई है।

मप्र में इस साल मौसम की एक्सट्रीम कंडीशन नई दिल्ली।

भारत में इस साल के शुरूआती नौ महीनों में लगभग हर दिन मौसम की स्थिति एक्सट्रीम पर पहुंचने की घटनाएं देखी गईं जिनमें करीब 3,000 लोगों की मौत हो गई। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट के अनुसार मप्र में सबसे ज्यादा 138 बार मौसम की एक्सट्रीम कंडीशन देखी गई। देश में जनवरी से सितंबर 2023 तक लगभग 86 प्रतिशत दिनों में मौसम की स्थिति एक्स्ट्रीम पर पहुंची यानी अत्यधिक सर्दी, अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक वर्षा जैसे हालात बने। इस अवधि में करीब 2,923 लोगों की मौत हो गई, करीब 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। 80 हजार घर तबाह हो गए और 92,000 से अधिक मवेशी मारे गए। मौत के सर्वाधिक मामले बिहार (642), हिमाचल (365) में हुए। रिपोर्ट में देश में विकट मौसमी परिस्थितियों की फ्रीक्वेंसी और उनके विस्तार को सामने लाया गया है। देश में 2023 में अब तक जो देखा गया है वह तापमान वृद्धि वाली दुनिया में असामान्य है। - सुनीता नारायण, महानिदेशक सीएसई