स्वच्छता के साथ ऑर्गन डोनेशन में भी इंदौर नं. 1, ग्रीन कॉरिडोर 500 बार बना
इंदौर। स्वच्छता के बाद अब ऑर्गन डोनेशन में भी इंदौर नंबर वन पर है। यहां से 50 बार ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल, जबलपुर और आखिरी में ग्वालियर है, वहीं त्वचादान में मुंबई के बाद दूसरे स्थान पर इंदौर का नाम आता है। मप्र में पहला त्वचादान बैंक भी इंदौर में बना है। इंदौर के 10 अस्पतालों में अंगदान के लिए चिह्नित हैं। इंदौर में पिछले साल 2022 में 225 लाइव डोनेशन हुआ है। मप्र में हृदय प्रत्यारोपण में वोटिंग लिस्ट में कोई भी नाम नहीं होने के कारण यहां से हार्ट बाहर भेजे जा रहे हैं। पहली बार 3 अगस्त को नेशनल ऑर्गन डोनेशन डे मनाया जाता रहा है। इस दिन पहली बार एक व्यक्ति का हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ था, जिसके चलते इस दिन को मनाया जा रहा है। जुलाई माह को भी ऑर्गन डोनेशन के रूप में मनाया जाता है।
नेत्रदान में सबसे आगे
इंदौर नेत्रदान के मामले में सबसे आगे है। पिछले आठ सालों में 12,000 नेत्रदान से कई लोगों के अंधियारे जीवन को रोशनी मिली है। इसके साथ ही 728 त्वचादान एवं 300 से अधिक बॉडीदान हो चुकी हैं।
2015 में बना पहला ग्रीन कॉरिडोर
इंदौर में पहला ग्रीन कॉरिडोर अक्टूबर- 2015 में बनाया गया था, वहीं पहली बार 17 जनवरी, 2023 में ब्रेन डेथ के बाद 52 वर्षीय विनीता खजांची का हाथ मुंबई की एक युवती को दिया गया था।
आज मनाया जाएगा अंगदान महोत्सव
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के अनुरूप अंगदान महोत्सव के नाम से एक जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। अभियान के हिस्से के रूप में 3 अगस्त को पहले मृत दाता अंग प्रत्यारोपण की स्मृति में भारतीय अंग दान दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जो मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम की घोषणा के बाद देश में किया गया पहला हृदय प्रत्यारोपण भी था।