क्लीन एंड ग्रीन सिटी में इंदौर बना रोल मॉडल
इंदौर। तीन दिवसीय कॉनक्लेव का समापन हा गया। डॉ. बीएन सुरेश, पूर्व अध्यक्ष, आईएनएई और चांसलर, आईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम ने समापन सत्र की अध्यक्षता की। समापन सत्र के दौरान, डॉ. राजेश आर्य, उत्कृष्ट वैज्ञानिक और प्रमुख, लेजर टैक्नोलॉजी डिवीजन, आरआरसीएटी, थीम 1 के समन्वयक और प्रोफेसर शिवाजी चक्रवर्ती, उपाध्यक्ष, थीम 2, थीम के समन्वयक के रूप में दो दिनों के दौरान आयोजित विचार-विमर्श प्रस्तुत किया। इस दौरान इंदौर क्लीन एंड ग्रीन सिटी के रोल मॉडल बनकर सामने आया। इसकी वजह टैक्नोलॉजी नहीं बल्कि नगर निगम, प्रशासन के साथ जनता की भागीदारी महत्वपूर्ण है। इंदौर की यह पहल सराहनीय रही।
वहीं लेजर तकनीकी के जुड़े हुए आयोजित कॉनक्लेव में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि भले ही वैज्ञानिक लेजर मेटेरियल से नई तकनीक तैयार कर देगा, लेकिन इसके लिए इंस्टिट्यूट को आगे आना होगा क्योंकि वे क्या खरीद रहे हैं। उसके लिए एक स्टैंड लेना है, जिसके लिए विशेष ध्यान देने के साथ विभिन्न सामग्रियों के लिए फीड सामग्री उत्पादन और प्रक्रिया विकास के अलावा एडिटिव निर्मित उत्पादों के परीक्षण और योग्यता के मानकीकरण के लिए नियामक और लाइसेंसिंग एजेंसी बनने के लिए सरकारी एजेंसियों के प्रयासों की आवश्यकता होती है। एयरोस्पेस, रक्षा और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में अनुप्रयोग। आरआरसीएटी से इस दिशा में प्रयासों का नेतृत्व करने और समन्वय करने का अनुरोध किया गया है, जिसे डॉ. शंकर नाखे ने तुरंत स्वीकार कर लिया है।