पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ सकता है भारत का तनाव
वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया तंत्र ने बुधवार को सांसदों से कहा कि उसे भारत- पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने तथा उनके बीच संघर्ष होने की आशंका है। खुफिया तंत्र के अनुसार, पाकिस्तान के कथित या वास्तविक उकसावों की स्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पहले की तुलना में भारत द्वारा कहीं अधिक सैन्य बल के जरिए जवाबी कार्रवाई किए जाने की आशंका है। यह मूल्यांकन अमेरिकी खुफिया तंत्र के वार्षिक खतरे के आकलन का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय द्वारा अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष प्रस्तुत किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत-चीन द्विपक्षीय सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने में लगे हुए हैं।
जोखिम: एलएसी पर हैं भारत-चीन की सेनाएं
रिपोर्ट में कहा गया है, विवादित सीमा पर भारत और चीन दोनों द्वारा सेना का विस्तार दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे अमेरिकी लोगों तथा हितों को सीधा खतरा हो सकता है। इसमें अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की जाती है। पिछले गतिरोधों से स्पष्ट है कि एलएसी पर लगातार निम्न-स्तर के संघर्ष तेजी से बढ़ सकते हैं। मई 2020 में दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद से चीन और भारत के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
अधिक सख्ती से जवाब देगा भारत
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव विशेष रूप से चिंता का विषय है। हालांकि दोनों देश संभवत: 2021 की शुरूआत में नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के फिर से संघर्ष विराम पर राजी होने के बाद से अपने संबंधों को मजबूत करने के इच्छुक हैं। पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का लंबा इतिहास रहा है और पाकिस्तान की ओर से उकसावे का जवाब अब भारत द्वारा पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पहले से कहीं अधिक सैन्य बल के जरिए दिए जाने की आशंका है।