भारतीयों को पहली बार मिली अपने विचार व्यक्त करने की आजादी, लॉन्च हुआ स्वदेशी ऐप खुल के

ऐप के सीईओ पीयूष कुलश्रेष्ठ ने कहा- यह एक-दूसरे से जुड़ने और घुलने-मिलने का देगा मौका

भारतीयों को पहली बार मिली अपने विचार व्यक्त करने की आजादी, लॉन्च हुआ स्वदेशी ऐप खुल के

नई दिल्ली। देश में एक स्वदेशी नेटवर्किंग ऐप ‘खुल के’ लांच किया गया है जिसका उद्देश्य भारतीयों को खुलकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान करना है। ‘खुल के’ के संस्थापक एवं सीईओ पीयूष कुलश्रेष्ठ ने ऐप की लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि ऐप भारतीयों को एक-दूसरे से जुड़ने, घुलने-मिलने और सामूहिक लोकतंत्र में भागीदारी करने के तरीके में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है। यह ऐप ऑडियोविजुअ ल कंटेंट तक पहुंच प्रदान करने के साथ सामुदायिक निर्माण की गतिविधियों में शामिल होने की भी सुविधा देगा। इस ऐप के माध्यम से समान विचार रखने वाले और उन्हें शेयर करने वाले लोग आपस में बातचीत कर सकते हैं। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि टेस्टिंग के दौरान ही इस ऐप ने महीने दर महीने 10 से 15 प्रतिशत की दर से विकास किया है। इससे व्यापक नजरिए के साथ सार्थक बातचीत को बढ़ावा मिल रहा है। ऐप देश के सामने ज्वलंत मुद्दों पर भारत के पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ शुरू की गई बातचीत और सभी की सार्थक भागीदारी से संपूर्ण इकोसिस्टम बनाने के मुद्दे पर अपनी रोशनी बिखेरने के लिए तैयार है। उल्लेखनीय है कि कू मुख्य रूप से माइक्रो-ब्लॉगिंग पर ध्यान केंद्रित करता है और क्लबहाउस एक ऑडियो-ओनली प्लेटफॉर्म है, जबकि खुल के एक अधिक व्यापक सोशल नेटवर्किंग अनुभव प्रदान करता है। इसका उद्देश्य विभिन्न सामाजिक आवश्यकताओं के लिए कई ऐप्स की आवश्यकता को समाप्त करना है।

मुख्य विशेषताएं और लाभ

ऑल-इन-वन प्लेटफॉर्म :

इस ऐप में मैसेजिंग, कंटेंट शेयरिंग और पेशेवर नेटवर्किंग की सुविधा उपलब्ध है। इनोवेशन इकोसिस्टम में यह ऑल- इन-वन प्लेटफॉर्म ऐप स्विचिंग की परेशानी दूर करता है, जिससे एक यूनीफाइड एक्सपीरियंस मिलता है।

राउंडटेबल डिस्कशन:

ऐप ने एक अभिनव राउंडटेबल सुविधा दी है, जो आपको रुचि-आधारित राउंडटेबल चर्चाओं की मेजबानी करने और उनमें शामिल होने की अनुमति देती है। यह सीखने, नेटवर्किंग और अपने दायरे का विस्तार करने एक उत्कृष्ट उपकरण है।

कम्युनिटी बिल्डिंग:

इस ऐप के माध्यम से डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में उन लोगों के साथ संपर्क बढ़ाया जा सकता है जो आपकी रुचियों, आकांक्षाओं और दृष्टिकोणों से समानता रखते हैं। फॉलोअर्स बढ़ाने पर जोर देने वाले प्लेटफार्मों के विपरीत, खुल के सार्थक रिश्तों को प्रोत्साहित करता है।

गोपनीयता और सुरक्षा:

एक देसी ऐप होने के नाते, खुल के कड़े डेटा सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए अपने यूजर्स की गोपनीयता और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने की तारीफ

   खुल के सार्थक संवाद एवं सहयोग के लिए वास्तविक भारत के इकोसिस्टम के सशक्तिकरण से संबंधित है। सुभद्रा श्रीवास्तव -SubhadraShrivas5

  मैं थ्रेड्स या जो कुछ भी मेटा लेकर आया है, उसमें शामिल नहीं हो रहा हूं। मैं केवल @khulke पर उपलब्ध रहूंगा। खुल के पर अधिक सक्रिय रहेंगे। -@avarakal

  भारत एक बहुत ही जीवंत लोकतंत्र है। यदि कोई भी देश जो निरंकुश है, उसके पास अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो सकता है, तो भारत क्यों नहीं? इस वक्त 4 अरब लोग सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर हैं. लेकिन इससे समाज को क्या फायदा होता है? भारत के विकास में टेक्नोलॉजी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। हमने यूपीआई की सफलता देखी है। खुल के माध्यम से एक बहुत ही जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाएगा। @TheNewIndian_in