अमेरिका में सबसे ज्यादा कमाते हैं भारतीय, दूसरे नंबर पर ताइवानी
अमेरिकी सरकार ने रिपोर्ट जारी कर किया दावा
वाशिंगटन। अमेरिकी सांसद रिच मैककॉर्मिक ने हाल ही में सदन को बताया कि भारतवंशी अमेरिकियों की आबादी महज एक फीसदी है, लेकिन वो करीब 6 फीसदी टैक्स का भुगतान करते हैं। इसबीच दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका में भारतवंशी सबसे ज्यादा कमाई करने वाला जातीय समूह है। उनसे ज्यादा तो चीनी, पाकिस्तानी और जापानी मूल के अमेरिकी भी नहीं कमाते। खुद अमेरिकी नागरिकों की भी इतनी कमाई नहीं है। अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वहां बसे भारतीय परिवारों की सालाना औसत आय 1.38 लाख डॉलर है, जबकि अमेरिकी परिवारों की औसत आय 69,717 डॉलर है। इसका मतलब यह हुआ कि अमेरिकियों से भी दोगुनी कमाई भारतवंशियों की है। अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट के अनुसार भारतवंशियों के बाद ताइवान मूल के अमेरिकी सबसे ज्यादा कमाते हैं। ताइवानी-अमेरिकी परिवारों की औसत आय 1.17 लाख डॉलर है, फिर फिलीपीनी मूल के लोग आते हैं, जिनके परिवार की सालाना औसत आय 96,883 डॉलर है।
अमेरिका में भारतवंशियों की संख्या 48 लाख :
अनुमान है कि अमेरिका में 2.35 करोड़ लोग एशियाई मूल के हैं। सबसे ज्यादा 52 लाख नागरिक चीनी मूल के हैं, दूसरे नंबर पर भारतवंशी हैं। अमेरिका में भारतवंशियों की आबादी लगभग 48 लाख है। इनमें 16 लाख से ज्यादा वीजा होल्डर हैं, जबकि 10 लाख से ज्यादा ऐसे हैं, जिनका जन्म ही अमेरिका में हुआ है।
78 फीसदी भारतवंशियों के पास है ग्रेजुएशन की डिग्री
अमेरिकियों से भी ज्यादा भारतवंशियों की कमाई की एक वजह पढ़ाई भी हो सकती है। आंकड़ों के मुताबिक, 79 फीसदी से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी के पास ग्रेजुएशन की डिग्री हैं, जबकि अमेरिका के सिर्फ 28 फीसदी नागरिक ही ग्रेजुएट हैं। इतना ही नहीं, अमेरिकी सांसद रिच मैककॉर्मिक का यह भी कहना है कि अमेरिका में हर पांच में से एक डॉक्टर भारतीय मूल का है।
चीनी लोगों से ज्यादा पाकिस्तानी करते हैं कमाई
एक दिलचस्प बात ये भी है कि अमेरिका में रह रहे चीनी मूल के लोगों से ज्यादा कमाई तो पाकिस्तानी मूल के लोगों की है। पाकिस्तानी मूल का परिवार सालाना औसतन 95,747 डॉलर की कमाई करता है, जबकि चीनी मूल के परिवार की सालाना औसतन कमाई 91,881 डॉलर है।
ज्यादा पढ़े-लिखे होने के साथ भारतीय होते हैं मेहनती
भारतीय इसलिए सबसे ज्यादा कमाते हैं, क्योंकि हम सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। दूसरा कारण ये है कि हम कड़ी मेहनत करते हैं और तीसरा कारण कि भारतीय आईटी, इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे प्रोफेशन से जुड़े हैं। - हर्ष गोयनका, चेयरमैन, आरपीजी एंटरप्राइजेज