विवादित मुद्दों पर सहमति बनाने में भारत सफल

विवादित मुद्दों पर सहमति बनाने में भारत सफल

वाशिंगटन/लंदन। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने रविवार को कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रमुख मतभेदों को दूर करते हुए सदस्य देशों के शनिवार को नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन को अपनाया जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए एक अप्रत्याशित सफलता है। हालांकि, इसमें यूक्रेन पर रूस के हमले का जिक्र करने से परहेज किया गया।

मीडिया के अनुसार, ऐसा लगता है कि अंतिम समझौता वक्तव्य में अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों द्वारा रूस को लेकर अपनाए गए रुख की तुलना में कहीं अधिक नरम रुख अपनाया गया है। भारत ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ वार्ताओं के जरिए यूक्रेन के विवादास्पद मुद्दे पर जी 20 देशों के बीच एक अप्रत्याशित आम सहमति बनाने में कामयाब रहा। नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय जी 20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के बीच घोषणापत्र को लेकर सहमति बनी।

यूक्रेन की पीड़ा पर जताया दुख : न्यूयॉर्क टाइम्स

न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा नई दिल्ली में सम्मेलन में गहन चर्चा के बाद जारी घोषणापत्र में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण या उसके क्रूर युद्ध आचरण की निंदा नहीं की गई, बल्कि यूक्रेनी लोगों की पीड़ा पर दुख जताया गया। इस साल कम ही उम्मीद थी कि समूह यूक्रेन मुद्दे पर सहमति पर पहुंच पाएगा। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ने के लिए एक रेल और नौवहन गलियारा परियोजना की घोषणा पर भी प्रकाश डाला और कहा राष्ट्रपति बाइडेन सम्मेलन में अधिकतर समय नरेन्द्र मोदी के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने में बिताया।

नरम रुख को दर्शाता है घोषणा पत्र : सीएनएन

सीएनएन ने कहा, अंतत: घोषणापत्र मेजबान भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए अप्रत्याशित सफलता के समान है। फिर भी यह अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से अपनाई गई स्थिति से कहीं अधिक नरम रुख को दर्शाता है। सकारात्मकता खोजने की कोशिश : बीबीसी - ऐसा प्रतीत होता है कि घोषणापत्र पश्चिम और रूस दोनों को सकारात्मकता खोजने का रास्ता दिखाने डिजाइन किया गया है। इस प्रक्रिया में मॉस्को की निंदा में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है जो उतनी कड़ी नहीं है जितनी पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में की गई थी।

सुरक्षा में भारतीय सदस्यता का समर्थन : अर्दोआन

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप अर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है। राष्ट्रपति अर्दोआन ने सम्मेलन के समापन अवसर पर कहा कि अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनता है तो उनके देश को गर्व होगा। सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई देशों अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया इन पांच से बहुत बड़ी है।

कनाडाई पीएम ट्रूडो के विमान में आई खराबी

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विमान में तकनीकी खराबी आ गई है। कनाडाई प्रतिनिधिमंडल तब तक भारत में रहेगा जब तक कि जमीन पर इंजीनियरिंग टीम समस्या को ठीक नहीं कर लेती। रविवार को रवाना होते समय उनके विमान में टेक्निकल प्रॉब्लम आई।