भारत ग्लोबल शेयर मार्केट में फ्रांस को पछाड़कर पांचवें स्थान पर पहुंचा

भारत ग्लोबल शेयर मार्केट में फ्रांस को पछाड़कर पांचवें स्थान पर पहुंचा

नई दिल्ली। भारत एक बार फिर दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा मार्केट बन गया है। शेयर मार्केट्स मेंकुछ दिनों से जारी तेजी के बदौलत भारत ने फ्रांस को पछाड़कर यह मुकाम हासिल किया है। जनवरी में फ्रांस भारत से आगे निकल गया था। भारतीय शेयर मार्केट्स में 28 मार्च से लगातार तेजी दिख रही है। इस दौरान सेंसेक्स और निμटी में करीब 10 परसेंट की तेजी आई है। इसी तरह बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप में करीब 15 फीसदी उछाल आई। भारत का मार्केट कैपिटेलाइजेशन $3.31 लाख करोड़ डॉलर पहुंच चुका है। इसके साथ ही भारत एक बार फिर दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा मार्केट बन गया है। इस साल देश की मार्केट वैल्यू में करीब 330 अरब डॉलर की तेजी आई है। एफपीआई ने किया 37,316 करोड़ का निवेश : अप्रैल के बाद मई में भी घरेलू शेयर मार्केट्स में तेजी रही। इस महीने विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) अब तक 37,316 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय इक्विटी मार्केट में कर चुके हैं।

अमेरिका पहले और चीन दूसरे नंबर पर

अमेरिका 44.54 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू के साथ दुनिया में टॉप पर है। चीन 10.26 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे और जापान 5.68 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है। इस लिस्ट में हॉन्ग कॉन्ग 5.14 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ चौथे नंबर पर है। फ्रांस अब 3.24 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट कैप के साथ अब भारत से पीछे छठे नंबर पर खिसक गया है।

उम्मीद की किरण भारत

विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने उम्मीद जताई है कि बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 1,00,000 अंक तक पहुंच सकता है। जेफरीज ने अगले पांच साल में प्रति शेयर 15 फीसदी अर्निंग ग्रोथ के अनुमान पर यह बात कही है। निवेशकों को अब मार्च तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों का इंतजार है। 31 मई को इसे जारी किया जाएगा। इन आंकड़ों से देश की इकोनॉमी की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी।

देश में एफडीआई प्रवाह 22 फीसदी घटा

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 22 प्रतिशत घटकर 46 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉμटवेयर और वाहन उद्योग को कम विदेशी निवेश मिलने की वजह से कुल एफडीआई में गिरावट आई है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। 2021-22 में देश में 58.77 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। कुल एफडीआई प्रवाह पिछले वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत घटकर 70.97 अरब डॉलर रहा था। 2021-22 में यह 84.83 अरब डॉलर था। इसमें इक्विटी प्रवाह, पुन: निवेश की गई आय और अन्य पूंजी शामिल है।