किस क्षेत्र में कैसी और वारदात का तरीका क्या, आंकड़े की समीक्षा से करेंगे रोकथाम

किस क्षेत्र में कैसी और वारदात का तरीका क्या, आंकड़े की समीक्षा से करेंगे रोकथाम

इंदौर। हर थाना क्षेत्र में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां एक ही तरह के अपराध अधिक घटित होते हैं। उन क्षेत्रों में दोबारा वारदात नहीं हो, इसके लिए अपराधों के आंकड़े की समीक्षा कर रोकथाम के प्रयास किए जाएंगे। ऐसे स्थानों पर पेट्रोलिंग, वाहनों की चेकिंग और बैरिकेडिंग की जाएगी। इस नवाचार की शुरुआत अगले तीन से चार दिन में जोन 2 के थाना क्षेत्रों में शुरू होगी। शहर में बढ़ते अपराधों ने पुलिस की नींद उड़ा रखी है। सर्वाधिक वारदातें चेन, मोबाइल स्नैचिंग की सामने आ रही हैं। वारदातों पर अंकुश लगाने डेढ़ साल पहले पुलिस कमिश्नरी लागू की गई थी। भारी-भरकम पुलिस अमले के साथ संसाधन भी मिले थे, लेकिन अपराध लगातार बढ़ते रहे। स्थिति यह है कि हर थाना क्षेत्र में रोजाना छोटी-बड़ी कई वारदातें हो रही हैं।

अधिकांश वारदातें नशे की लत पूरी करने के लिए

अधिकांश वारदातों के पीछे मूल कारण नशे की लत है। लत पूरी करने के लिए बदमाश वारदातों को अंजाम देते हैं। नशा पूरी तरह बंद करने पुलिस ने कई प्रयास किए, मगर सफलता हासिल नहीं हो पाई। नशीली दवाएं बेचने वाले मेडिकल स्टोर्स पर भी कार्रवाई नहीं की जा सकी।

थाना प्रभारियों से मांगा तीन साल का डाटा

जोन दो में आने वाले थानों के प्रभारियों से तीन साल का डाटा मांगा गया है। डाटा में यह उल्लेख रहेगा कि थाने के किस इलाके में कब और कैसी वारदातें अधिक होती हैं। जैसे खजराना में चोरी, श्रीनगर में वाहन चोरी, विजयनगर क्षेत्र में मोबाइल लूटने, शराबखोरी जैसी वारदातें कब होती हैं।

नाइट कल्चर में पेट्रोलिंग

कुछ दिनों से नाइट कल्चर के चलते वारदातों में इजाफा हुआ है। रात को युवक-युवतियां घूमते हैं। कई युवक शराब पीकर मारपीट करते हैं। जोन में नाइट कल्चर वाले क्षेत्र में दोनों तरफ पुलिस तैनात रहेगी, जो इन युवकों को खदेड़ने का काम करेगी। लगातार पेट्रोलिंग कर वाहनों की औचक चेकिंग करेंगे।

हर बार प्रयास, लेकिन सफलता नहीं

पुलिस हर बार बड़ी वारदातें होने पर बदमाशों पर सख्ती बरतने, उनके अवैध निर्माण तोड़ने, रासुका, जिलाबदर जैसी कार्रवाई करती है। कुछ दिन इस कार्रवाई का असर रहता है, बाद में फिर पुलिस सुस्त पड़ जाती है, जिससे अपराध नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं।

इस तरह करेंगे अपराधों को रोकने की कोशिश

  • वारदातों के समय का निर्धारण कर सादी वर्दी में उस क्षेत्र में बल तैनात किया जाएगा। 
  • सतत पेट्रोलिंग के साथ संदिग्धों की धरपकड़ होगी। 
  • पूर्व में वारदातों में शामिल रहे बदमाशों पर निगरानी रखी जाएगी।
  • दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों का डाटा एकत्रित किया जाएगा। 
  • कर्मचारी किस मार्ग से जाते हैं, रात को क्या करते हैं, इसकी निगरानी भी की जाएगी।

इनका कहना है

हर इलाके में अलग तरीके के अपराध होते हैं। कहां, किस तरह के अपराध होते हैं, इसका तीन साल का डाटा तैयार किया जाएगा। डाटा के आधार पर इलाकों में बल के साथ पेट्रोलिंग की जाएगी। -अमरेंद्रसिंह, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन 2