सेकंड वेव में एम्स के 73 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी हुए डिप्रेशन का शिकार, इनमें से 83 फीसदी ने खुद को ध्यान, संगीत और प्रार्थना द्वारा उबारा

सेकंड वेव में एम्स के 73 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी हुए डिप्रेशन का शिकार, इनमें से 83 फीसदी ने खुद को ध्यान, संगीत और प्रार्थना द्वारा उबारा

भोपाल। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते घरों में बंद तमाम लोगों ने डिप्रेशन, चिंता और तनाव जैसी मानसिक परेशानियों का सामना किया। न सिर्फ आम लोगों ने, बल्कि फ्रंटलाइन पर तैनात कई डॉक्टर्स और नर्स ने भी मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना किया। कोरोना काल में एम्स, भोपाल में काम कर रहे फ्रंटलाइन वर्कर में से 73 फीसदी एंजायटी, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो गए थे। हालांकि इनमें से अधिकतर स्वास्थ्य कर्मियों ने खुद को इससे उबार लिया।

यह खुलासा कोरोना काल में एम्स, भोपाल के नर्सिग में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर किया गया। इस शोध को हाल में अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका जर्नल ऑफ एक्यूट डिजीज में प्रकाशित किया गया है। शोध पत्र के मुताबिक, 73.5 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी लगातार काम के साथ डर और परिवार की चिंता के चलते मानसिक रूप से परेशान हुए। इनमें से 83.0 फीसदी ने खुद को इस परेशानी से उबार लिया। रिसर्च के मुताबिक, इन लोगों ने मानसिक तनाव का मुकाबला करने के लिए ध्यान, संगीत, प्रार्थना और आराम जैसी युक्तियों का सहारा लिया। बाकी 17 फीसदी कर्मचारियों ने इससे उबरने के लिए डॉक्टरों से परामर्श लिया।

694 स्वास्थ्य कर्मियों पर हुआ शोध

यह शोध एम्स, भोपाल के नर्सिंग सेक्शन द्वारा किया गया। रिसर्च टीम ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दो महीने में 694 स्वास्थ्य कर्मचारियों से गूगल फॉर्म के माध्यम से उनकी मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की। शोध मुख्य रूप से सहयक नर्सिंग अधिकारी मुदिता शर्मा, डॉ. दिगपाल सिंह चुण्डावत, नर्सिंग अधिकारी सुनील कुमार टेलर और रोहित रिछारिया द्वारा किया गया।

मानसिक और शारीरिक तनाव ज्यादा

कोरोना के दौरान काम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों का कहना है कि भूखे प्यासे लगातार 14-14 घंटों तक पीपीई किट में काम करना सबसे कष्टदायक था। इससे आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

अवसाद से उबरने यह तरीके अपनाए

  • रोजाना प्रार्थना और आध्यात्मिक अभ्यास। 
  • योग, ध्यान व संगीत सुनना। 
  • तनाव के दौरान आराम करना।