7 वें वेतनमान के लाभ में सिर्फ डॉक्टरों की जानकारी मांगने पर बिफरे कर्मी

7 वें वेतनमान के लाभ में सिर्फ डॉक्टरों की जानकारी मांगने पर बिफरे कर्मी

जबलपुर। प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों के डीनों से 7 वेतनमान के लाभ को लेकर सरकार को पड़ने वाले वित्तीय भार की जानकारी मांगे जाने से कर्मचारी बिफर गये हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के पत्र में कर्मचारियों के संबंध में कोई भी जिक्र नहीं होने से नाराज कर्मचारी होली पर्व के बाद एक बार फिर काम बंद हड़ताल की तैयारी में जुट गये हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार एक साथ चिकित्सकों की तरह ही 13 मेडिकल कॉलेजों के कर्मचारी एक साथ काम बंद सकते हैं। हालांकि इस संबंध में अभी किसी भी कर्मचारी संघ ने औपचारिक तौर पर इसकी जानकारी नहीं दी है। लेकिन बताया जा रहा है कि पर्व के बाद संगठन इस आंदोलन के लिए अधिकृत तौर पर अधिकारियों को इसकी जानकारी देगा।

दरअसल मामला ये है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेज व डेंटल कॉलेज के साथ ग्वालियर के मानसिक आरोग्यशाला के डायरेक्टर से उनकी संस्था में सेवाएं देने वाले प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर व असि. प्रोफेसरों को दिये जाने 7 वें वेतनमान लाभ से पड़ने वाले वित्तीय भार के संबंध में जानकार मांगी है। इस पत्र में कहीं भी कर्मचारियों का जिक्र नहीं किया गया है। पत्र में कर्मचारियों के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं मागें जाने की खबर लगते ही प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेज व डेंटल कॉलेजों के कर्मचारियों सरकार के प्रति खासी नाराजगी है।

13 मेडिकल कॉलेजों के डीन को लिखा पत्र

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, विदिशा, रतलाम, खंडवा, शहडोल, शिवपुरी, दतिया एवं छिंदवाड़ा के डीन व डेंटल कॉलेज इंदौर व डायरेक़्टर मानसिक आरोग्यशाला ग्वालियर को पत्र लिखकर शासन ने जानकारी मांगी है कि यदि चिकित्सा शिक्षकों चिकित्सा शिक्षकों (प्राध्यापक, सह- प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं प्रदर्शक) को 7 वें वेतनमान का लाभ दिनांक 01-0142016 से 30-03-2018 तक दिया जाता है तो इसके लिए कितना वित्तीय भार पड़ेगा।