गर्मियों में वर्टिकल गार्डनिंग से तैयार करें कम जगह में फूलों से सजी हरी-भरी बालकनी

दीवार पर पैनल के सहारे तैयार हो रहे मिनी गार्डन, जहां सजती है हरियाली

गर्मियों में वर्टिकल गार्डनिंग से तैयार करें कम जगह में फूलों से सजी हरी-भरी बालकनी

छोटी सी बगिया घर में हो, यह सभी चाहते हैं, लेकिन स्पेस की समस्या μलैट में अक्सर रहती है लेकिन वर्टिकल गार्डनिंग के जरिए यह सपना पूरा किया जा सकता है। घर की दीवारों पर प्रोफेशनल हॉर्टिकल्चरिस्ट की मदद से वर्टिकल गार्डन बनवा सकते हैं। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें पौधों को वर्टिकल जगहों जैसे दीवार, छत, पिलर, बालकनी की रेलिंग आदि पर लगाया जाता है। यह बागवानी का अर्बन तरीका है, जिसमें कम जगह में ज्यादा पौधे उगाने की कोशिश की जाती है। भोपाल में बड़ी नर्सरियों द्वारा भी यह सुविधा दी जा रही है, जिसमें पसंदीदा μलॉवरिंग की जा सकती है। यह गार्डन बिना जमीन को घेरे बालकनी को सुंदर लुक देते हैं। गर्मियों में तरह-तरह के फूल आते हैं, जिन्हें लगाकर इस बार वर्टिकल गार्डन तैयार कर सकते हैं।

पॉलीप्रोपोलीन से बने पैनल होते हैं वॉटर और यूवी रेसिस्टेंट

एक्सपर्ट नीलाभ श्रीवास्तव कहते हैं कि वर्टिकल गार्डन के पैनल की कीमत गुणवत्ता के मुताबिक अलग-अलग होती है। तीन लेयर में नौ पॉट का सेट 900 रुपए से शुरू होता है, वहीं आठ लेयर में 24 पॉट आते हैं। जरूरत और जगह के मुताबिक पैनल चुने जा सकते हैं। यह पॉलीप्रोपोलीन मटेरियल के होते हैं, जो कि वॉटर और यूवी रेसिस्टेंट होते हैं, तो यह धूप और पानी से खराब भी नहीं होते।

समय-समय पर करनी पड़ती है पौधों की प्रूनिंग

वर्टिकल गार्डन में छोटे आकार के कुछ खास डेकोरेटिव प्लांट्स जरूर लगाए जाते हैं। इनमें पीस लिली, पोथोस, स्टार μलॉवर, सेवंती, बिगोनिया, बरवीना, झिनिया, छोटा गेंदा, पीज, मैसमब्राय एथिनियम, मार्निंग ग्लोरी, पटूनिया आदि हैं। शुरुआत में इन्हें बागवानी विशेषज्ञ से तैयार करवाना होता है लेकिन बाद में खुद व्यवस्थित कर सकते हैं। समय-समय पर पौधों की प्रूनिंग करते रहें, ताकि पौधे स्वस्थ रहें। वर्टिकल गार्डनिंग करते समय आपको अपने पॉटेड प्लांट को नियमित रूप से चेक करने की आवश्यकता होती है तथा जरूरत पड़ने पर पौधों को रिपॉट भी करना होता है।

बालकनी के आकार से तय करें पौधों की संख्या

वर्टिकल गार्डन भी अलग-अलग तरह के होते हैं। यदि बालकनी में तैयार कर रहे हैं और जगह कम है तो तीन स्टेप का वर्टिकल गार्डन ठीक रहता है। इसमें पॉट का आकार पर्याप्त होता है लेकिन पूरी दीवार को वर्टिकल गार्डन में रखना है तो पॉट छोटे हो जाते हैं, जिससे गुढ़ाई में दिक्कत आती है। वर्टिकल गार्डन में पानी हाथ से देने की बजाए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाएं ताकि पानी की बचत हो और पौधे को ठीक से पानी मिले। बालकनी में गार्डन तैयार कर रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि धूप अच्छी आए। पौधे ऐसे लगाए कि एक-दूसरे को कवर न करें। फूल और क्रीपर गार्डन में लगाकर धीरे-धीरे कॉन्सेप्ट समझें तो थोड़े दिन में पता चल जाता है कि कौन से फूल ठीक तरह से ग्रो कर रहे हैं। -शैलेष अग्रवाल, हॉर्टिकल्चरिस्ट