राजधानी के ही कई स्कूलों में नहीं बंट सकी बच्चों को ड्रेस, सामान्य कपड़ों में ही पहुंच रहे
भोपाल। सरकारी स्कूलों में एक जुलाई से नया सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन यूनिफॉर्म स्कूलों में नहीं पहुंच सकी है। अधिकतर बच्चे सामान्य कपड़ों में स्कूल पहुंच रहे हैं। हालांकि राज्य शिक्षा केंद्र (आरएसके) का दावा है कि प्रदेश के 80 फीसदी स्कूलों को यूनिफॉर्म भेज दी गई है। पीपुल्स संवाददाता ने आरएसके के इस दावे की पड़ताल की। इसमें सामने आया कि राजधानी के ही अधिकतर स्कूलों में यूनिफॉर्म नहीं पहुंच पाई है। सरकार द्वारा कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए हर साल दो जोड़ी यूनिफॉर्म देने की व्यवस्था की गई है। यूनिफार्म तैयार करने का काम स्व-सहायता समूहों को दिया जाता है। आरएसके द्वारा पिछले वर्ष की गई लेटलतीफी के कारण पूरे सत्र में यूनिफॉर्म तैयार नहीं हो पाई थी। करीब 66 लाख स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म स्वसहायता समूहों ने पिछले सत्र की समाप्ति में मार्च-अप्रैल में तैयार कर दी गई थी। हालांकि परीक्षाएं शुरू हो जाने के कारण यूनिफॉर्म नहीं बंट सकी, जिसे इस सत्र में बांटा जाएगा।
सीएम राइज शासकीय उमावि बरखेड़ी
सीएम राइज स्कूलों का मॉडल बनाए गए शा.उच्चतर माध्यमिक, बरखेड़ी में अभी तक बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं मिली है। स्कूल के प्राचार्य केडी श्रीवास्तव ने बताया कि यहां करीब 1100 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि डिजाइनिंग और उसे तैयार करने में कुछ देरी हुई है। शीघ्र ही ड्रेस मिलने की संभावना है।
शासकीय प्राथमिक शाला, सूरजनगर
राजधानी के सूरज नगर स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल के 200 विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म का इंतजार है। स्कूल के प्रधानाध्यापक सुभाष सक्सेना ने बताया कि अभी यूनिफॉर्म नहीं मिली है। पिछले वर्ष भी बच्चों को नहीं मिली थी। 31 जुलाई तक स्वसहायता समूहों द्वारा यूनिफॉर्म पहुंचाए जाने की संभावना है।
छोटी पड़ गई थी यूनिफॉर्म : वर्ष 2020 में यूनिफॉर्म सिलाई का काम जिला पंचायत के माध्यम से स्वंय सेवी संस्थानों को दिया गया था। नतीजा यह रहा कि सत्र बीतने के बाद मार्च 2021 में स्कूलों में यूनिफॉर्म पहुंच सकी थी। बच्चों का सही नाप न होने के कारण साइज भी छोटा पड़ गया था।
हमने प्रदेश के 80 फीसदी स्कूलों के बच्चों के लिए यूनिफॉर्म भेज दी है। यह यूनिफॉर्म बच्चों को क्यों नहीं मिली, इसकी जानकारी ले रहे हैं। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। -धनराजू एस,डायरेक्टर, राज्य शिक्षा केन्द्र, भोपाल