मध्य प्रदेश में हर दो घंटे में तीन लोग करते हैं आत्महत्या, 33 प्रतिशत मामलों में मानसिक अवसाद बड़ा कारण
भोपाल। प्रदेश में आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीमारियां, पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव इसका सबसे बड़ा कारण है। आंकड़ों के हिसाब से आत्महत्या के 33 फीसदी मामले मानसिक तनाव के कारण होते हैं। यही नहीं कोरोना के बाद आत्महत्या के मामलों में भी करीब तीन फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में 2023 में अब तक करीब 8000 से ज्यादा लोगों ने जीवन लीला समाप्त कर ली। यानि हर दो घंटे में तीन आत्महत्या हो रही हैं।
बढ़ रही सामूहिक आत्महत्या :
प्रदेश में अब सामूहिक आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विधान सभा में दी गई जानकारी के अनुसार चार साल में मप्र ने 32 परिवारों ने मौत को गले लगा लिया। इन मामलों में 91 लोगों की जान चली गई।
यह है डिप्रेशन के लक्षण
- लगातार निराश रहना, एकांत में रहना।
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना।
- किसी भी चीज में पर दिमाग एकाग्र करने में मुश्किल होना।
- हर समय थकान व कमजोरी महसूस करना। हर समय चिड़चिड़ापन।
आत्महत्या के कारण:
साइकोलॉजिस्ट डॉ. रुचि सोनी बताती हैं कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 13 से 30 वर्ष उम्र का हर चार व्यक्ति में एक व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है। उसके परिणाम आत्महत्या बनते हैं।
घर-परिवार में शांति,सही समय पर मदद लेने, पेशेवर सलाह ऐसी घटनाओं में कमी ला सकते हैं। मानसिक अवसाद इसके लिए सबसे बड़ा कारण है। - डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, वरिष्ठ मनोचिकित्सक