मप्र में मनरेगा के तहत पांच माह में 28 लाख परिवारों को ही मिला काम
भोपाल। सतना की रामरती कुशवाहा ने इस साल के जुलाई माह में मनरेगा के अंतर्गत चल रहे कार्यों में मजदूरी की, उनके बैंक खाते में तीन हजार रुपए भेजे गए लेकिन अ ा ध् ा ा र मैपिंग नहीं होने से मजदूरी नहीं मिली है। रामरती का मजदूरी सूची क्रमांक 1712008 डब्ल्यूएल 008058 है। राम भइया कुशवाहा के खाते में क्रमश: 1,680 और 1,260 रुपए भेजे गए परंतु खाता बंद होने से भुगतान फंस गया। घनश्याम की तीन अलग-अलग मजदूरी मार्च माह से अटकी हैं। समय पर मजदूरी नहीं मिलने से प्रदेश में मनरेगा के कामों से मजदूरों का मोहभंग हो रहा है। इसके चलते अकेले एक साल में 6 लाख मजदूर परिवार घट गए। चालू वित्त वर्ष के 5 माह में 64.82 लाख सक्रिय जॉब कार्डधारियों में सिर्फ 28 लाख को ही काम मिला है। छतरपुर जिले के शाहगढ़ अंतर्गत ग्राम नदगांय बट्टन के हरिचरण यादव के अनुसार यहां ज्यादातर काम मशीनों से कराया जा रहा है। 7 लाख रुपए से अधिक लागत का तालाब बनाया गया, लेकिन इसमें काम नहीं मिला।
मजदूरी नहीं मिलेगी तो क्यों करें काम
हरिचरण ने बताया कि मनरेगा में काम नहीं मिलने पर उन्हें परिवार सहित प्रदेश से बाहर जाना पड़ता है। उनके परिवार की जीविका हर दिन की मजदूरी से चलती है। अगर गांव में ही काम मिले तो सुविधा होगी।
पांच साल से लगातार घट रहे मजदूर परिवार
मनरेगा पोर्टल के अनुसार पिछले पांच साल से मप्र में काम करने वाले मजदूरों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। वर्ष 2020-21 में जहां 55.28 लाख परिवारों को काम मिला था ।
मशीनों से कराया काम और 100 दिन का रोजगार नहीं
- बैतूल जिले के जनपद पंचायत भैंसदेही अंतर्गत पिछले साल ग्राम सावलमेंढा में नाली निर्माण में जेसीबी लगाई गई।
- इस तरह मशीनों से काम होने पर मजदूरों को काम नहीं मिला। मजदूर पलायन के लिए मजबूर हुए।
- 9 माह पहले खंडवा जिले में मजदूरों को 100 दिन का काम नहीं मिलने की जानकारी सामने आई। वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब 3 लाख 12 हजार मजदूर पंजीकृत हैं।
- प्रदेश में 100 दिवस काम करने वाले मजदूरों की संख्या सिर्फ छह हजार रही।
अफसरों के नाम पर खर्च हो गए 139 करोड़ रुपए
यह गौरतलब है कि मनरेगा के अंतर्गत इस वर्ष अबतक 139.27 करोड़ रुपए प्रशासनिक मद में खर्च कर दिए गए हैं जो मनरेगा बजट का 4.24 प्रतिशत है।
सीधी बात
एस कृष्णा चैतन्य, सीईओ मनरेगा
सवाल : वर्तमान में केंद्र से मनरेगा का कितना भुगतान अटका है ?
जवाब : केंद्र से समय पर राशि मिल रही है, कोई भुगतान नहीं रुका है।
सवाल : पिछले दस साल से बैंक ट्रांजेक्शन फेल हो रहे हैं।
जवाब : 15 दिन में हर मजदूर का भुगतान।
सवाल : मनरेगा पोर्टल अनुसार अकेले चार साल की मजदूरी ही 62 करोड़ बकाया है?
जवाब : यह सही नहीं है। आपके पास कोई जानकारी हो तो उपलब्ध कराएं।
पांच साल से रुका भुगतान
वर्ष मजदूर संख्या पेमेंट रुका (करोड़ रु.)
2018-19 1,46,148 14.97
2019-20 98,957 9.93
2021-22 1,78,263 21.22
2022-23 86,224 12.04
2023-24 31,829 4.09