गया में मात्र 1500 रुपए के खर्च से करा रहे पितरों का तर्पण

गया में मात्र 1500 रुपए के खर्च से करा रहे पितरों का तर्पण

जबलपुर। गयाजी जाने के नाम पर लोग पितृ तर्पण के नाम पर सिर्फ इसलिए घबराते हैं कि वहां कितना रुपए देना होगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। वहीं भारत सेवा आश्रम गयाजी जाने वालों को नि:शुल्क सेवा उपलब्ध करा रहा है। जबलपुर में अभी तक नि:शुल्क तर्पण के लिए 12 सौ ने रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं जबकि भोपाल स्थित आश्रम में रोजाना 20 से 25 रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।

ऐसे होती है सेवा: पितृ तर्पण जाने वालों को यहां से पास बनाकर दिया जाता है। गयाजी स्थित आश्रम में पास दिखाने के बाद लोगों को नि:शुल्क आवास, भोजन और पंडा उपलब्ध कराया जाता है। गत वर्ष गया गए जबलपुर निवासी शंभु दयाल ने बताया कि उन्होंने तर्पण के लिए करीब 40 हजार रुपए खर्च किए थे। बाद में इस नि:शुल्क सेवा का पता चला।

ये है संस्था का उद्देश्य: भारत सेवा आश्रम का उद्देश्य पितृ तर्पण कर आत्मिक शांति पहुंचाना है। इसका मुख्य आश्रम कोलकाता में 121 साल पुराना है। वहां इसकी शुरूआत परमानंद महाराज ने की थी। पिछले साल जबलपुर से 32 सौ यात्री आश्राम की सेवा लेकर गया गए थे। वहीं पिछले 5 वर्ष में (कोरोना काल को छोड़कर) 10,300 लोग रजिस्ट्रेशन कराकर गया जा चुके हैं। हर वर्ष 15 अगस्त से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाता है। यहां से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद गयाजी में पूजन-सामग्री, प्रसाद में करीब 1500 रुपए खर्च होता है। यहां रजिस्ट्रेशन कराने पर आश्रम से ही पास मिलता है।

पास दिखाया तो पंडों ने छोड़ा: बीते वर्षों ग्वारीघाट निवासी अनिल पितृ तर्पण के लिए गए थे। स्टेशन से ही उन्हें पंडों ने घेर लिया था। जब आश्रम का पास दिखाया तो पंडों ने छोड़ा।

परमानंद महाराज ने 121 साल पहले कोलकाता से आश्रम की शुरुआत की थी। जबलपुर से अभी तक अलग-अलग तिथियों पर 12सौ रजिस्ट्रेशन हुए हैं जिन्हें नि:शुल्क सेवाएं दी जाएंगी। - स्वामी भुदेवा महाराज, भारत सेवा आश्रम, जबलपुर