2018 में 71 हजार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन टिकट ले गए भाजपा नेता!

2018 में 71 हजार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन टिकट ले गए भाजपा नेता!

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई है। जबकि बसपा, सपा, आप और अन्य दल अभी तक सभी 230 सीटों पर अपने नाम तय नहीं कर पाए हैं। कांग्रेस ने करीब 45 ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं जो या तो नए हैं या फिरअन्य दलों से आए हैं पर पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे कई प्रत्याशियों को मौका नहीं मिला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कहते रहे कि टिकट वितरण का क्राइटएरिया सर्वे रहेगा पर, कई सीटों पर अन्य दलों से कांग्रेस में आए नेताओं को प्रत्याशी बना दिया। जैसे कोलारस से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेन्द्र राम सिंह को 71 हजार से अधिक वोट मिले थे और वे भाजपा से 720 वोट से हारे थे, लेकिन पार्टी ने भाजपा से आए बैजनाथ यादव को प्रत्याशी बना दिया।

इनको भी मिला टिकट

करेरा से प्रागीलाल जाटव ने पिछला चुनाव बीएसपी से लड़ा था और 40,026 वोट लेकर तीसरे स्थान पर थे। उन्हें इस बार कांग्रेस से टिकट मिला है। पोहरी से कैलाश कुशवाहा बसपा से लड़े थे तथा दूसरे स्थान पर थे। उन्हें भी टिकट मिल गया। 2018 में हटा से स्वतंत्र लड़े प्रदीप खटीक को 10 हजार वोट मिले थे, वे तीसरे स्थान पर थे। कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया है जबकि हरिशंकर चौधरी 56,702 वोट लेकर दूसरे स्थान पर थे, इन्हें चुनाव मैदान से बाहर कर दिया गया।

सर्वे में लागू नहीं हुईं इस तरह की जीत-हार

  • पथरिया: बृजेन्द्र सिंह को टिकट मिला है। पिछले चुनाव में 27 हजार वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी गौरव पटेल के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था। 
  • सिवनी: आनंद पंजवानी को पहली बार उतारा गया है जबकि 77,568 वोट हासिल करने वाले मोहन सिंह चंदेल बाहर हो गए। 
  • आष्टा: कमल सिंह चौहान को टिकट मिला। इन्होंने पिछला चुनाव प्रसपा से लड़ा था और तीसरे स्थान पर थे। गोपाल सिंह इंजीनियर 86,248 वोट लेकर दूसरे स्थान पर थे। 
  • जयसिंहनगर: ध्यान सिंह मार्को को 67 हजार वोट मिले थे पर नरेन्द्र मरावी को प्रत्याशी बनाया। 
  • नागौद: डॉ.रश्मि सिंह पटेल को टिकट मिला है। जबकि यादवेन्द्र सिंह महज 1,200 वोट से हारे थे। 
  • पंधाना: रूपाली बारे को प्रत्याशी बनाया है। पिछला चुनाव स्वतंत्र लड़ते हुए तीसरा स्थान हासिल किया था। जबकि छाया मोरे 68 हजार से अधिक वोट लेकर दूसरे स्थान पर थीं, उन्हें टिकट नहीं मिला है।

दो बार विस चुनाव हारा, इसलिए नहीं दिया टिकट

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा तुम लगातार दो बार चुनाव हार गए हो, इसलिए टिकट नहीं मिलेगा। हमने विरोध नहीं किया। कांग्रेस में हैं, पार्टी के लिए काम करेंगे। -ध्यान सिंह मार्को, जयसिंहनगर (2018 में पराजित)

सर्वे में मेरा नाम पहले नंबर पर था इसलिए मौका मिला

पिछले चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर स्वतंत्र लड़ा था। कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार सर्वे में मेरा नाम पहले नंबर पर था, इसलिए टिकट मिला। -बृजेंद्र सिंह, प्रत्याशी पथरिया