इमरान खान की गिरμतारी से धधका पाकिस्तान, पूरे देश में धारा 144 लागू

इमरान खान की गिरμतारी से धधका पाकिस्तान, पूरे देश में धारा 144 लागू

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरμतारी के बाद से ही इस्लामाबाद शहर में हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए और देखते ही देखते पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन होने लगे। माहौल इतना बिगड़ा कि सरकार को पूरे देश में धारा 144 लागू करनी पड़ी। इमरान की पार्टी के कई समर्थकों ने रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वॉर्टर पर हमला कर दिया। लाहौर में फौज के एक कमांडर के घर को तहस- नहस करने के बाद आग के हवाले कर दिया गया। कुछ और फौजी अफसरों के घर पर भी हमले हुए हैं। रेडियो स्टेशन में लगाई गई आग: इमरान के समर्थकों में गुस्सा कितना ज्यादा था, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पेशावर में एक रेडियो स्टेशन की इमारत में भी आग लगा दी गई।

लाहौर छावनी में घुसे प्रदर्शनकारी

शाम पांच बजे के करीब प्रदर्शनकारी एक गेट से लाहौर कैंट के अंदर दाखिल हो गए। यहां सेना की एक बड़ी चौकी है। यहां सेना का सख़्त नियंत्रण रहता है, लेकिन वहां पुलिस या सेना का कोई जवान मौजूद नहीं था। अर्धसैनिक बलों का भी कोई जवान यहां नहीं था। पीटीआई के कार्यकर्ता आराम से लाहौर कैंट के भीतर दाखिल हुए और सुरक्षा बैरियर हटा दिए और आगजनी शुरू कर दी। पुलिस की जो गाड़ियां लाहौर कैंट के पास मौजूद थी, उन्हें प्रदर्शनकारियों ने जला दिया। लाहौर कैंट में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुई। गाड़ियों को आग लगाने के दौरान कई धमाके भी हुए।

हिंसक भीड़ को देखकर पुलिस पीछे हटी

भीड़ के हिंसक होने के बाद यहां पुलिस को पीछे हटना पड़ा। कैंट में दाखिल होने के बाद प्रदर्शनकारियों का इरादा यहां के कोर कमांडर के घर में दाखिल होने का था।

हिंसक प्रदर्शन में पीटीआई के 6 समर्थकों की मौत

हिंसक प्रदर्शन के बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने दावा किया कि अब तक उनके 6 समर्थकों की जान चली गई है और दर्जनों घायल हुए हैं।

स्कूल बंद और इंटरनेट सेवा भी हुई प्रभावित

पाकिस्तान में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि देशभर के सभी निजी स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। इसके अलावा पूरे पाकिस्तान में गृह मंत्रालय के आदेश पर मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सर्विस प्रभावित हैं।

140 से ज्यादा मामलों में फंसे हुए हैं इमरान खान

इमरान खान पर करीब 140 से ज्यादा मामले चल रहे हैं। लंबे समय से वह तोशखाना मामले में फंसे हुए हैं। इस मामले में भी उनपर गिरμतारी की तलवार लटक रही थी। फिलहाल उन्हें अल कादिर ट्रस्ट मामले में गिरμतार किया गया है। दरअसल, ये मामला अल कादिर ट्रस्ट विश्वविद्यालय से जुड़ा है। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने पिछले बुधवार को इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीवी और इमरान खान की पार्टी पीटीआई से जुड़े कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप है कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते हुए अपनी पत्नी बुशरा बीबी और पीटीआई के कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था। इस ट्रस्ट के दो ही ट्रस्टी हैं। एक इमरान खान और दूसरी उनकी पत्नी बुशरा बीबी। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम के सत्ता में आने के बाद बीते साल जून में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक रियल एस्टेट कंपनी से 50 अरब की काले से सफेद बनाकर लाई गई रकम को कानूनी हैसियत दी और इसके बदले में अपने ट्रस्ट के लिए अरबों रु. की जमीन दान में हासिल की।

महिला जज के अपमान का केस

इमरान खान पर एक महिला जज के अपमान का भी मामला है। अगस्त 2022 में इमरान खान के करीबी सहयोगी शहबाज को देशद्रोह के मामले में गिऱμतार किया गया था। इमरान खान ने शहबाज को प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए थे। इसके बाद एक सियासी रैली में इमरान खान ने पार्टी के सहयोगी को हिरासत में लिए जाने और बदसलूकी किए जाने को लेकर एक महिला जज की निंदा की थी।

तोशखाना मामला: नवाज शरीफ, गिलानी और जरदारी भी कटघरे में

तोशाखाना से अवैध रूप से गिμट लेने के लिए पाक के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों और एक पूर्व राष्ट्रपति को भी मुकदमे का सामना करना पड़ा रहा है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, यूसुफ रजा गिलानी और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी शामिल हैं। जब यूसुफ रजा गिलानी पीएम थे, तो उन्होंने तोशाखाना के नियमों में ढील दी, जिसके बाद आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कारें खरीदीं। इस्लामाबाद के कोर्ट ने तोशाखाना से अवैध तरीके से उपहार में मिली महंगी गाड़ियों को खरीदने के आरोप में नवाज शरीफ के खिलाफ गैरज मानती वारंट जारी किया हुआ है।

पहले भी गिरμतार किए जा चुके हैं कई पूर्व प्रधानमंत्री

यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री को गिरμतार किया गया है। जुल्फिकार अली भुट्टो, उनकी बेटी बेनजीर भुट्टो, लंदन में बसे नवाज शरीफ ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्हें सत्ता से बेदखल होते ही गिरμतार किया गया। मंगलवार को एक बार फिर से पाकिस्तान में इसी राजनीतिक इतिहास को दोहराया गया।

हुसैन शहीद सुहरावर्दी

जनवरी 1962 में हुसैन शहीद सुहरावर्दी, जो देश के पांचवें पीएम थ,े उन्हें गिरμतार किया गया था। उन्होंने जनरल अयूब खान की सरकार का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। उन पर सरकार विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा और फिर उन्हें कराची की सेंट्रल जेल में एकांत कारावास में भेज दिया गया था।

जुल्फिकार अली भुट्टो

जुल्फिकार अली भुट्टो अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक पाक के प्रधानमंत्री थे। सितंबर 1977 में उन्हें गिरμतार किया गया था। अप्रैल 1979 में उन्हें जनरल जिया के तानाशाह शासन द्वारा फांसी दी गई थी।

बेनजीर भुट्टो

जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी बेनजीर दो बार, दिसंबर 1998 से अगस्त 1990 तक और अक्टूबर 1993 से नवंबर 1996 तक पीएम रहीं। अगस्त 1985 में वह भाई के अंतिम संस्कार के लिए पाकिस्तान पहुंचीं और उन्हें 90 दिनों के लिए नजरबंद कर दिया गया। अगस्त 1986 में एक रैली में बेनजीर ने सरकार की निंदा की और उन्हें गिरμतार कर लिया गया।

नवाज शरीफ

सन 1999 में तत्कालीन तानाशाह परवेज मुशर्रफ की तरफ से निर्वासित किए जाने के बाद नवाज शरीफ सितंबर 2007 में पाकिस्तान लौट आए। नवाज को उनकी वापसी के कुछ घंटों के अंदर ही गिरμतार कर लिया गया। इसके बाद नवाज को साल 2010 में 10 साल की सजा सुनाई गई। साल 2018 में उन्हें फिर से गिरμतार किया गया और सात साल की सजा सुनाई गई। नवंबर 2019 में उन्हें इलाज के लिए पाकिस्तान के बाहर जाने की मंजूरी मिली और तब से वह लंदन में हैं।

शाहिद खाकन अब्बासी

शाहिद खाकन अब्बासी अगस्त 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के पीएम रहे। जुलाई 2019 को उन्हें नैब की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरμतार कर लिया था। यह मामला साल 2013 का था, जब वह पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्री थे। 27 फरवरी 2020 को उन्हें जमानत दे दी गई।