58 साल पुराने कॉमेडी नाटक में दिखा जीवन के हर पड़ाव का महत्व

58 साल पुराने कॉमेडी नाटक में दिखा जीवन के हर पड़ाव का महत्व

भले ही हमारी जिंदगी कांटो से भरी हुई है, लेकिन अगर हम अपने भटके हुए मन को बांध लें तो सारी चीजें सुलझ सकती हैं। यह कहना है, बॉलीवुड एक्टर और निर्देशक राजीव वर्मा का, जिनके मार्गदर्शन में रविवार को नाटक कैक्टस μलॉवर का मंचन भोपाल थिएटर्स के कलाकारों ने रवींद्र भवन में किया। इस नाटक की खास बात यह रही कि नाटक में सहयोग राशि के रूप में टिकट 100 रुपए का था। इस नाटक को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे। इस मौके पर बातचीत में निर्देशक राजीव वर्मा ने बताया कि यह प्ले बहुत पुराना है। इस नाटक को निर्देशित करने के लिए मैंने इसलिए चुना क्योंकि इस नाटक में कॉमेडी के साथ एक अच्छा मैसेज है। इससे हमें यह मैसेज मिलता है कि कांटों भरे जीवन में भी फूल खिल सकते हैं, यहीं वजह है कि इस नाटक का नाम कैक्टस μलॉवर है।

नाटक में दिखाई दो दोस्तों की कहानी

जीवन के हर पड़ाव का महत्व इस नाटक में दिखाया गया है। 40-45 साल के दो दोस्तों की यह कहानी इस नाटक में दिखाई गई जिसमें एक आॅफिसर है, जो शादीशुदा और बाल-बच्चों वाला है। दूसरा डॉक्टर है, जो दिलफेंक आशिक है, जिसके जीवन में कम उम्र की कई लड़कियां आती हैं, जिनके साथ वह घूमता-फिरता है, लेकिन आखिरी में उसे यह बात समझ आती है कि ऐसे जीवन नहीं चलेगा, तब वह अपने आशिकाना रवैया को छोड़कर अपनी ही क्लीनिक की एक नर्स से शादी कर लेता है।

इंग्लिश कॉमेडी नाटक का हिंदी रूपांतरण किया

साल 1965 में लिखे गए इंग्लिश कॉमेडी प्ले के लेखक राइटर येब बरोस हैं। नाट्य मंचन के लिए इसका हिंदी रूपांतरण प्रवीण महूवाले ने किया।

बहुत दिनों बाद गजब का नाटक देखने को मिला

बहुत दिनों बाद ऐसा गजब का नाटक देखने को मिला। नाटक की कहानी दिलचस्प थी, जिसे दर्शकों को आखिरी वक्त तक बांधे रखा। कलाकारों ने गजब का अभिनय किया। ऐसे नाटकों का मंचन होना चाहिए। - मुकेश गौर, दर्शक