यूरिन कल्चर कराना है तो पहली मंजिल से डिब्बी लेकर नीचे जाओ
जबलपुर। यूरिन कल्चर की जांच की सुविधा जिला अस्पताल में मरीजों को मिल तो रही है लेकिन इसके लिए मरीज व उनके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में ब्लड बैंक के साथ पहली मंजिल में की जा रही यूरिन कल्चर की जांच के लिए मरीजों को सैम्पल देने के लिए बॉशरूम नहीं है। बॉशरूम के अभाव में मरीजों को ग्राउंड फ्लोर में बने बॉशरूम में सैम्पल लेने के लिए आना होता है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग मरीज व महिला मरीजों को उठानी पड़ रही है।
डिब्बी ले जाओ और सैम्पल लेकर आओ
इन दिनों यूरिन कल्चर की जांच कराने आ रहे मरीजों को यहां पर बैठा स्टाफ सैम्पल के लिए एंट्री डिब्बी थमा देता है। जब मरीज या उसके परिजन बॉशरूम के बारे में जानकारी लेते हैं तो उन्हें कहा जाता है कि वे नीचे ग्राउंड फ्लोर पर जाए और जहां पर बॉशरूम दिखे वहां से अपनी यूरिन का सैम्पल कलेक्ट कर ले आएं।
पहले थी बॉशरूम की सुविधा अब पड़े हैं ताले
बताते हैं कि अस्पताल में यूरिन कल्चर के लिए सैम्पल देने बॉशरूम बनाए गए थे। लेकिन अस्पताल के उन्नयन के बीच ये रूम ताला लगाकर बंद कर दिये गए है। नए अधिकारियों को यह तक जानकारी नहीं है कि यहां पर बॉशरूम हैं भी या नहीं।
रोजाना होते है 20 से 30 कल्चर
स्टाफ की मानें तो रोजाना अस्पताल की लैब में 20 से 30 मरीजों के यूरिन कल्चर की जांच हो रही है। ऐसे में जिन्हें जानकारी है वे अपने मरीज को नीचे ही बैठाते है और कल्चर के लिए डिब्बी लेने सेंटर पर जाते हैं।
मरीजों की परेशानी को देखते हुए यूरिन कल्चर के लिए बॉशरूम की सुविधा को जल्द शुरू कराया जाएगा। -डॉ. मनीष मिश्रासिविल सर्जन जिला अस्पताल